सोमवार, 5 सितंबर 2016

आवाज-ए-पंजाब के CM कैंडिडेट हो सकते हैं सिद्धू, छोटेपुर बन सकते हैं पार्टी चीफ

चंडीगढ़.आप के कन्वीनर पद से हटाए गए सुच्चा सिंह छोटेपुर अब नवजोत सिद्धू, परगट सिंह और बैंस ब्रदर्स के नए फ्रंट आवाज-ए-पंजाब के चीफ कन्वीनर हो सकते हैं। छोटेपुर ने अपने सपोर्टर्स के साथ एक मीटिंग में इस बारे में रायशुमारी की। छोटेपुर सिद्धू के प्रपोजल से राजी हैं। सिद्धू चाहते हैं कि वे खुद सीएम कैंडिडेट हों और छोटेपुर पार्टी की जिम्मेदारी संभालें। इस बारे में जब छोटेपुर से पूछा गया तो उन्होंने कहा-मैं सिद्धू से नहीं मिला, लेकिन राजनीति में कुछ भी हो सकता है। उधर, छोटेपुर को हटाए जाने के बाद केजरीवाल ने गुरप्रीत घुग्गी को पंजाब का कन्वीनर बनाया है। किसने कराई छोटेपुर से बात...
- अकाली दल छोड़कर आए एक नेता ने दोनों गुटों में रजामंदी बनाने का काम किया। परगट सिंह ने भी पुष्टि की कि छोटेपुर से बात चल रही है।
- सिद्धू, परगट और बैंस बंधुओं का अपनी-अपनी सीटों को छोड़कर कहीं कोई असर नहीं है। जबकि, छोटेपुर के पास पूरे राज्य में संगठन का ढांचा है। इसीलिए सिद्धू उन्हें साथ लाना चाहते हैं।
- छोटेपुर ने माना कि बैंस ब्रदर्स के साथ उनकी नजदीकियां रही हैं। उन्होंने ही बलविंदर सिंह बैंस को अकाली दल अमृतसर के यूथ विंग का अध्यक्ष बनाया था। छोटेपुर तब अकाली दल अमृतसर के अध्यक्ष थे।
उधर, केजरीवाल संभालेंगे पंजाब में कमान, घुग्गी को बनाया कन्वीनर
- आम आदमी पार्टी में क्राइसिस से निपटने के लिए अब अरविंद केजरीवाल कमान संभालने जा रहे हैं। अपनी इस मुहिम को वे 8 सितंबर से शुरू करेंगे।
- उन्होंने सभी की उम्मीदों के उलट सिर्फ 7 महीने पहले अपना राजनीतिक सफर शुरू करने वाले गुरप्रीत घुग्गी को छोटेपुर की जगह पंजाब का कन्वीनर बना दिया है।
- घुग्गी इसी साल 10 फरवरी को आप में शामिल हुए थे। मदर टेरेसा को संत की उपाधि देने के प्रोग्राम में शामि होन वेटिकन सिटी गए केजरीवाल ने साफ किया कि वे 8 सितंबर को पंजाब में चुनावी कमान संभालने जा रहे हैं। वे यहां 4 दिन रहेंगे।
- सबसे पहला काम रूठे हुए लोगों को मनाना है। उन्होंने माना कि उनके वॉलंटियर कुछ कारणों के चलते न केवल नाराज हैं, बल्कि गुस्से में भी हैं।
- केजरीवाल जानते हैं कि लाेगों में अब भी आम आदमी पार्टी की बात है। लेकिन, जिस तरह से नाराजगी बढ़ रही है, उससे काफी नुकसान हो सकता है।
घुग्गी ही क्यों?
छोटेपुर को हटाने से पहले हिम्मत सिंह शेरगिल का नाम तय था। लेकिन, पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी ने गुरप्रीत घुग्गी के नाम पर मुहर लगा दी। पार्टी को ऐसे चेहरे की तलाश थी, जो न केवल विवादों से दूर हो, बल्कि उसकी पूरे पंजाब में पहचान हो। मान ऐसे चेहरे थे, लेकिन कई विवाद होने से उनके नाम पर सहमति नहीं बनी।
वोट बैंक बचेगा?
छोटेपुर के जाने से पार्टी का काफी बड़ा वोट बैंक उनके साथ चला गया है। केजरीवाल की दिक्कत यह है कि अब तक जितने भी लोगों को उन्होंने पार्टी से निलंबित किया, वे चुपचाप घर बैठ गए, लेकिन छोटेपुर पंजाबभर में यात्रा शुरू करने जा रहे हैं। केजरीवाल को लगता है कि यदि वे भी पूरे पंजाब में घूमे तो वर्कर उनके साथ आ सकते हैं।

कितनी सीटों पर असर डाल सकता है आवाज-ए-पंजाब
बीजेपी से दूरी के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने अब पंजाब में एक नया मोर्चा बनाया है। इसका नाम है- अावाज-ए-पंजाब। राज्य में अगले साल चुनाव हैं। इससे पहले बीजेपी के पूर्व राज्यसभा सांसद सिद्धू के इस कदम को काफी अहम माना जा रहा है। सिद्धू के साथ इस मोर्चे में पूर्व हॉकी कैप्टन और ओलिंपियन परगट सिंह और बैंस ब्रदर्स- सिमरजीत सिंह और बलविंदर सिंह भी शामिल हैं। अगर यह फ्रंट चुनाव लड़ता है तो राज्य की 41 सीटों के नतीजों पर असर डाल सकता है।
- मशहूर हॉकी प्लेयर रहे परगट सिंह ने बीते शुक्रवार को अपने फेसबुक अकाउंट में भी इस मोर्चे का पोस्टर पोस्ट किया है। इसमें सिद्धू को परगट सिंह, सिमरजीत सिंह बैंस और बलविंदर सिंह के साथ दिखाया गया है।
- सिद्धू ने जुलाई में राज्यसभा की मेंबरशिप से इस्तीफा दे दिया था।
- पंजाब में अभी बीजेपी-अकाली दल अलायंस की सरकार है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी भी असेंबली चुनाव की तैयारी में जोर-शोर से जुटी है।
- माना जा रहा है कि आवाज-ए-पंजाब के साथ राज्य में चौथे मोर्चे की जमीन तैयार हो गई है।
पंजाब की कितनी सीटों पर पड़ सकता है असर?
- सिद्धू पटियाला के रहने वाले हैं, अमृतसर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ते रहे हैं। यहां से 10 साल सांसद रहे हैं।
- परगट सिंह जालंधर ईस्ट से विधायक हैं। अकाली दल से सस्पेंड हो चुके हैं।
- सिमरजीत सिंह बैंस लुधियाना की आत्म नगर सीट और बलविंदर सिंह बैंस लुधियाना साउथ से निर्दलीय विधायक हैं।
- इन चारों जिलों में 41 विधानसभा सीटें हैं, जिन पर 'आवाज-ए-पंजाब' फ्रंट असर डाल सकता है।
किस जिले में कितनी विधानसभा सीटें?

जिला - विधानसभा सीटें
अमृतसर - 10
पटियाला - 8
जालंधर - 9
लुधियाना - 14

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