सोमवार, 5 सितंबर 2016

आज मिलेंगे मोदी-ओबामा; NSG पर ऑस्ट्रेलिया के बाद जापान ने भी किया सपोर्ट

 आज मिलेंगे मोदी-ओबामा; NSG पर ऑस्ट्रेलिया के बाद जापान ने भी किया सपोर्ट


हांगझोऊ (चीन). यहां चल रहे G-20 समिट में सोमवार को नरेंद्र मोदी और बराक ओबामा की मुलाकात होगी। दोनों नेताओं की ये आठवीं मुलाकात होगी। दोनों के बीच मजबूत केमिस्ट्री है। समिट में रविवार को फैमिली फोटो लेने के दौरान दोनों नेता नजर आए थे। ओबामा ने भारत में जीएसटी बिल पास किए जाने पर मोदी की तारीफ की थी। इस बीच न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (एनएसजी) में भारत की एंट्री को लेकर ऑस्ट्रेलिया के बाद जापान ने भी सपोर्ट किया है। जापान ने क्या कहा...
- एनएसजी में भारत की एंट्री को लेकर जापान की तरफ से ऑफिशियल कमेंट आया है।
- जापान की फॉरेन मिनिस्ट्री ने कहा, 'भारत की एनएसजी में मौजूदगी से नॉन प्रोलिफिरेशन (परमाणु अप्रसार) को मदद मिलेगी।' चीन, भारत के NPT पर साइन न करने के चलते एनएसजी मेंबरशिप का विरोध कर रहा है।
- जापान के विदेश मंत्रालय के प्रेस एंड पब्लिक डिप्लोमेसी के डायरेक्टर जनरल यासुहीसा कावामूरा के मुताबिक, 'हम मामले पर भारत से लगातार चर्चा कर रहे हैं। हमारा मानना है कि भारत को एनएनजी मेंबरशिप मिलने से नॉन प्रोलिफिरेशन रिजीम को मजबूती मिलेगी। हम इसके लिए दूसरे मेंबर देशों से भी बात करेंगे। हम भारत से NPT पर साइन करने के लिए भी बात करेंगे।'
- चीन, भारत की मेंबरशिप का लगातार विरोध कर रहा है, इस मुद्दे पर कावामूरा ने कुछ भी कहने से मना कर दिया।
- बता दें कावामूरा भारत में जापान के डिप्टी चीफ ऑफ मिशन रह चुके हैं।
NSG पर ऑस्ट्रेलिया ने भी किया सपोर्ट
- मोदी ने रविवार को ऑस्ट्रेलिया के पीएम मैल्कम टर्नबुल से मुलाकात की। टर्नबुल ने भारत की एनएसजी में मेंबरशिप को लेकर भरोसा जताया। साथ ही दोनों नेताओं की डिफेंस और सिक्युरिटी कोऑपरेशन को लेकर भी बात हुई।
- मोदी ने ऑस्ट्रेलिया के NSG पर सपोर्ट को लेकर टर्नबुल का शुक्रिया अदा किया।
- भारत के विदेश मंत्रालय के स्पोक्सपर्सन विकास स्वरूप के मुताबिक, 'ऑस्ट्रेलिया के पीएम ने एनएसजी में भारत की मेंबरशिप को लेकर सपोर्ट की बात कही है।'
- बता दें कि जून में सिओल में हुई NSG प्लेनरी की मीटिंग में चीन के विरोध के चलते भारत को मेंबरशिप नहीं मिल पाई थी।

ओबामा ने कहा- मोदी साहसिक फैसले ले रहे हैं
- मोदी ने रविवार को ओबामा से मुलाकात की। इस दौरान ओबामा ने भारत में जीएसटी कानून पारित करने पर मोदी की तारीफ की। 
- उन्होंने इसे मौजूदा आर्थिक स्थितियों में 'साहसी नीति' करार दिया। जी-20 सम्मेलन के लिए फैमिली फोटो लेने के वक्त मोदी ने बराक ओबामा से बातचीत की थी।
क्यों खास होगी मोदी-ओबामा की मीटिंग?

1# साउथ चाइना सी
हाल ही में हेग (नीदरलैंड्स) इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन कोर्ट ने साउथ चाइना सी में चीन की बढ़ती दखलअंदाजी को लेकर उसके खिलाफ फैसला सुनाया था। फिलीपींस ने इसको लेकर कोर्ट में अपील की थी। फैसले को लेकर चीन बैकफुट पर है। हालांकि, उसने ये भी कहा था कि वह फैसले को नहीं मानता।

2# NSG में भारत की एंट्री
- जून में हुई सिओल प्लेनरी की बैठक में भारत को एनएसजी में एंट्री नहीं मिली थी। चीन समेत कई देशों ने भारत का विरोध किया था।
- अब फिर से मोदी ओबामा से इस पर बात कर सकते हैं।
वर्ल्ड मीडिया में क्या चर्चा?
ग्लोबल टाइम्स (चीन): 1962 में मिली हार की दिलाई याद
मोदी के वियतनाम दौरे पर चीन के सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि दोनों देशों का चीन के साथ हुए युद्ध में हार का कड़वा इतिहास रहा है। चीन के बढ़ते प्रभाव के चलते दोनों देश संदेह की स्थिति में हैं। भारत हमेशा से अपनी तुलना चीन से करता रहा है। भारत-वियतनाम दोस्ती से चीन पर सीमित प्रभाव पड़ेगा। कुल मिलाकर जब वॉशिंगटन और जापान की ओर से वियतनाम को मिल रहे सपोर्ट से चीप पर कोई दबाव नहीं पड़ा, तो फिर भारत के समर्थन का क्या असर होगा?
डॉयचे वेले (जर्मनी): नए विवाद पैदा कर रहा चीन-पाक कॉरिडोर
मोदी का वियतनाम जाना इस बात का साफ संकेत है कि भारत आसानी से चीन के दबाव में आने वाला नहीं हैं। ऐसे में भारत, वियतनाम और जापान का करीब आना चीन के लिए चिंता की बात है। भारत एनएसजी का सदस्य बनना चाह रहा था तब चीन ने विरोध किया था। जब भारत पर पाकिस्तान से आने वाले चरमपंथी हमला करते हैं तब चीन संयुक्त राष्ट्र में उनका बचाव करता है। ऐसे में मोदी वियतनाम चीन को ये बताने के लिए ही गए हैं कि भारत भी कूटनीतिक दांव खेल सकता है?
बीबीसी (ब्रिटेन): भारतीय पीएम चीन के दबाव में आने वाले नहीं
मोदी का वियतनाम जाना इस बात का साफ संकेत है कि भारत आसानी से चीन के दबाव में आने वाला नहीं है। ऐसे में भारत, वियतनाम और जापान का करीब आना चीन के लिए चिंता की बात है। भारत एनएसजी का मेंबर बनना चाह रहा था तब चीन ने विरोध किया था। जब भारत पर पाकिस्तान से आने वाले कट्टरपंथी हमला करते हैं तब चीन यूएन में उनका बचाव करता है। ऐसे में मोदी, वियतनाम चीन को ये बताने ही गए है कि भारत भी कूटनीतिक दांव खेल सकता है।

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