गुरुवार, 30 जून 2016

चीन अपने अफसरों पर बरसा, NSG मुद्दे पर भारत को क्यों मिला इतना समर्थन?

हॉन्ग कॉन्ग। चीन ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत को मिले जबरदस्त समर्थन को रोक पाने में नाकाम रहने पर मध्यस्थता करने वाले प्रमुख अधिकारी वांग कुन और विदेश मंत्रालय के हथियार नियंत्रण विभाग के प्रमुख को जोरदार लताड़ा है। एनएसजी में भारत की एंट्री पर बैन लगाने की कोशिशों के मद्देनजर चीन के पक्ष में समर्थन जुटाने में नाकाम रहने पर चीनी नेतृत्व इन अधिकारियों पर अपनी खीज उतारी है।उच्चस्तरीय सूत्रों का कहना है, वांग कुन को निर्देश मिले थे कि उन्हें कम से कम पेइचिंग के समर्थन में एक तिहाई राष्ट्रों को तैयार करना है। मगर यह आंकड़ा महज चार देशों तक सिमट कर रह गया जबकि भारत के समर्थन में 44 राष्ट्र हो गए थे। इस पूरे घटनाक्रम के बाद चीन की प्रमुख चिंता है कि एनएसजी में मिली विफलता का असर कहीं हेग अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में फिलीपींस की तरफ से दायर केस पर न पड़े। फिलीपींस ने दक्षिण चीन सागर  में चीन की दखलअंदाजी और चीन की गतिविधियों की शिकायत हेग अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में की है। पेइचिंग की चिंता है कि भारत संयुक्त राष्ट्र के हेग अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले का हवाला दे सकता है। 
एनएसजी में भारत को सदस्यता न मिले इसके लिए खुद चीन ने यही कदम भारत के खिलाफ उठाया था। उच्चस्तरीय सूत्रों का कहना है कि एनएसजी के लिए भारत के समर्थन का दायरा विश्व स्तर पर बढ़ सकता है। हेग न्यायालय से फैसला अगर चीन के विरुद्ध आया तो भारत उसे अपने पक्ष में हवा बनाने के लिए आधार बनाएगा।
सूत्रों का कहना है कि इस वक्त फोकस एनएसजी से हटकर अंतरराष्ट्रीय विवादों के स्थायी समाधान के लिए हेग न्यायालय द्वारा दिए जाने वाले फैसले पर है। बहुत संभव है कि फैसले के बाद चीन को फिलीपींस की हथियाई हुई जमीन वापस लौटानी पड़े।

फैसले के खिलाफ माहौल बनाने के लिए चीन ने विश्व स्तर पर अभियान शुरू कर दिया है। इस अभियान में शिक्षाविद, कानून विशेषज्ञ, राजनयिक और विदेश सेवा अधिकारी हैं जिनका काम इस पक्ष में तर्क देना है कि इस तरह की कोर्ट कार्यवाही (हेग न्यायालय के संभावित फैसले के संबंध में) पूरी तरह से गैरकानूनी है। हालांकि, चीन की यह भूमिका संयुक्त राष्ट्र के समुद्री सीमाओं संबंधी नियमों (यूएनसीएलओसी)के खिलाफ है, जबकि चीन खुद इस पर हस्ताक्षर करने वाले देशों में शामिल है। चीन का दावा है कि हेग न्यायालय के गैरकानूनी फैसले के खिलाफ उसे 60 देशों का समर्थन मिल चुका है। 

शुक्रवार, 24 जून 2016

अरुण जेटली ने दी नसीहत, सुब्रह्मण्यम स्वामी ने दी खूनखराबे की धमकी

नई दिल्ली। सुब्रह्मण्यम स्वामी ने वित्त मंत्री अरुण जेटली के खिलाफ अपना हमला और तेज कर दिया है। भाजपा के राज्यसभा सांसद स्वामी ने शुक्रवार को अपने ऊपर नियंत्रण रखने की सलाह देनेवालों को धमकी भरे अंदाज में कहा कि अगर वह अपने पर उतर आए तो खूनखराबा हो जाएगा।
स्वामी ने शुक्रवार को साफ तौर पर वित्त मंत्री जेटली पर निशाना साधते हुए अपने ट्वीट में कहा, ‘मुझे बिना मांगे अनुशासन में रहने की सलाह देने वालों को यह अंदाजा नहीं है कि अगर मैंने अनुशासन तोड़ दिया तो खूनखराबा हो जाएगा।’ हालांकि स्वामी ने जेटली का नाम तो नहीं लिया लेकिन वह स्पष्ट रूप से वित्तमंत्री का हवाला दे रहे थे, जिन्होंने बुधवार को उनसे मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन पर हमले के मद्देनजर नियंत्रण और अनुशासन की अपील की थी। 
स्वामी द्वारा कल आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास पर निशाना साधने के मद्देनजर सचिव के बचाव में भी जेटली ने अनुशासन शब्द का इस्तेमाल किया था। स्वामी ने एक अन्य ट्वीट में जेटली पर इशारों में हमला करते हुए भाजपा से यह भी कह डाला कि वह मंत्रियों निर्देश दें कि विदेशी दौरों में वे पारंपरिक और आधुनिक भारतीय परिधान ही पहनें। कोट और टाई में वे वेटर जैसे लगते हैं। शुक्रवार को ही अखबारों में अरुण जेटली और बैंक ऑफ चाइना के चेयरमैन का एक फोटो आया है जिसमें वित्त मंत्री ने लाउंज सूट पहना हुआ है।
आर्थिक क्षेत्र से जुड़े लोगों पर लगातार हमले कर रहे सुब्रमण्यन स्वामी ने हाल ही में आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास को अपना निशाना बनाया था। उनके इस हमले के बाद अरुण जेटली ने ट्वीट किया था कि वित्त मंत्रालय के एक अनुशासित अधिकारी के खिलाफ अनुचित और झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। जेटली के इस ट्वीट के बाद स्वामी ने अपना ट्वीट हटा दिया था।
इससे पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा था कि राजनीतिज्ञों को सोच-समझकर बयान देने चाहिए। उनके बयान पर पलटवार करते हुए स्वामी ने भी कहा था, ‘जेटली क्या बोले, क्या नहीं बोले इससे मुझे क्या लेना-देना?’ स्वामी ने कहा कि अभी जरूरत नहीं है। जब जरूरत पड़ेगी तब वह पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से बात करेंगे। स्वामी पहले ही रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन और मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं।

कैमरन बोले, BRIEXIT नतीजों का करूंगा सम्मान, शरद से पूर्व दूंगा इस्तीफा

लंदन। ब्रिटेन के यूरोपीय संघ (ईयू) में बने रहने या इससे बाहर निकलने को लेकर कराए गए जनमत संग्रह के नतीजे आने के बाद प्रधानमंत्री डेविट कैमरन ने अपना इस्ताफा देने की घोषणा कर दी है। उन्होंने कहा कि वह शरद ऋतु से पहले इस्तीफा दे देंगे। पीएम ने कहा कि उन्होंने पद पर रहते हुए जो किया है, उस पर उन्हें गर्व है। हालांकि उन्होंने कहा कि यह जनमत संग्रह उनके लिए नहीं था, लेकिन इसका डटकर सामना किया। कैमरन ने कहा कि ब्रिटिश जनता ने दूसरा पथ चुना है और इसके लिए उन्हें नया प्रधानमंत्री चाहिए।
बता दें कि इस मुद्दे पर गुरुवार को हुए मतदान की शुक्रवार को गिनती हुई, जिसमें 52 फीसदी जनता ने ‘ब्रेक्सिट’ के पक्ष में फैसला दिया है। ‘रिमेन’ (ईयू सदस्य बने रहने) अभियान के पक्ष में 15,692,092 वोट पड़े, जबकि ‘लीव’ (ईयू से बाहर आने) के पक्ष में इससे 6,835,512 अधिक वोट पड़े।
कैनरन ने कहा, मैं आने वाले हफ्तों और महीनों में सब कुछ करूंगा, लेकिन सोचता हूं कि अगले गंतव्य के लिए मुझे कैप्टन नहीं रहना चाहिए। यह फैसला कोई हल्के में नहीं लिया गया है। मैं मानता हूं कि यह समय नए नेतृत्व के लिए ठीक है। यहां कोई सटीक समय देने की जरूरत नहीं है, लेकिन नए प्रधानमंत्री का चुनाव अक्टूबर महीने में कंजरवेटिव पार्टी की कॉन्फ्रेंस में हो जाएगा।
कैमरन ने कहा कि वह दुनियाभर के लोगों को यह आश्वासन देना चाहते हैं कि ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था मूलत: मजबूत है। जहां तक यूके में बसे यूरोपियन यूनियन के नागरिकों का सवाल है तो प्रधानमंत्री ने उन्हें साफ किया है कि उनकी स्थिति में फौरी तौर पर किसी तरह का बदलाव नहीं किया जाएगा। कैमरन ने कहा कि वह इस जहाज को स्थिर बनाए रखने की कोशिश करेंगे लेकिन अक्टूबर में इस देश को नया प्रधानमंत्री मिल जाएगा। उन्होंने कहा कि वह वह ‘कप्तान’ नहीं होंगे जो देश को लहरों से पार लगाएंगे।

ब्रेग्जिट पर नतीजे आने के बाद ही माना जा रहा था कि ब्रिटेन की जनता ने यूरोपियन यूनियन पर हुए जनमत संग्रह में जो फैसला दिया है, उससे प्रधानमंत्री डेविट कैमरन का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा। नतीजे से खुश ईयू से अलग होने के पक्ष में पिछले बीस वर्षों से आंदोलन चला रहे यूकेआईपी नेता नाइजल फेराज ने कहा था कि कैमरन को तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए। दूसरी तरफ मुख्य विपक्षी लेबर पार्टी ने भी कहा था कि कैमरन को अपने पद को लेकर विचार करना चाहिए।
यदि ब्रिटेन के लोग यूरोपीय संघ में रहने के पक्ष में मतदान करते तो यह कैमरन के लिए बड़ी जीत होती। कैमरन ताकतवर नेता के तौर पर उभरते। हालांकि दूसरी तरफ उनकी पार्टी में पद छोडऩे की आशंकाओं को देखते हुए 80 से ज्यादा कंजरवेटिव सांसदों ने हस्ताक्षर कर कैमरन के पास पत्र भेजा था, जिसमें उन्होंने आग्रह किया था कि नतीजे चाहे जो भी आएं, वह पीएम की कुर्सी पर बने रहें। लेकिन ईयू से हटने के फैसले से सबसे ज्यादा झटका ब्रिटेन की करंसी पाउंड को लगा है। पाउंड 1985 के बाद सबसे निचले स्तर पर आ गया। ऐसे में कैमरन पर भारी दबाव था।

फेराज नतीजे आने के बाद सबसे पहले कहा कि उन्हें इस्तीफा देना चाहिए। हालांकि लेबर पार्टी के शैडो फॉरन सेक्रेटरी हिलेरी बेन ने कहा था कि उन्हें पता नहीं कि कैमरन पीएम पद पर कब तक बने रहेंगे। उन्होंने कहा, आप प्रधानमंत्री हैं। आपने ही जनमत संग्रह कराया और आपकी प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी। आपने ईयू में रहने के पक्ष में तर्क दिया था, ऐसे में आपके लिए पद पर रहना आसान नहीं है।
प्रधानमंत्री ऑफिस के पूर्व सहयोगी एंडी कोल्सन ने कहा था कि उन्हें कैमरन के इस्तीफे पर संदेह है। उन्होंने कहा, बड़ी संख्या में लोग उनसे पद पर बने रहने की अपील कर रहे हैं। मसला यह है कि हमारे नेतृत्व को क्या करना चाहिए। यह समय नौसिखिए का नहीं है, लेकिन मुझे इस पर संदेह है कि कैमरन इस्तीफा पर विचार कर रहे हैं। यूकेआईपी सांसद डगलस कार्सवेल ने अपने पार्टी नेताओं की आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि कैमरन से इस्तीफे की मांग नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा था कि अच्चा होगा कि हम नाइजल को कुछ हफ्तों या महीनों तक नहीं सुनें। उन्होंने कहा था, हमारे लिए मुश्किल वक्त है। हमें थोड़ी गंभीरता दिखाते हुए राष्ट्रीय हित के बारे में सोचना चाहिए। डेविट कैमरन प्रधानमंत्री हैं और वह प्रधानमंत्री रहेंगे। ब्रेग्जिट का समर्थन करने वाले कंजरवेटिव सांसद एंड्र्यू ब्रिडेन ने भी कहा था कि यदि कैमरन इस्तीफा देते हैं, तो यह देश के हित में नहीं होगा। उन्होंने कहा था कि इस हालत में हमें प्रधानमंत्री पर भरोसा करना चाहिए।

गुरुवार, 23 जून 2016

कैबिनेट में फेरबदल से पहले PM ने मंत्रियों से मांगी अप्रेजल रिपोर्ट

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रियों से 30 जून को सेल्फ अप्रेजल रिपोर्ट मांगी है। सभी मंत्री अपने कामकाज को लेकर प्रेजेंटेशन देंगे। उनकी अप्रेजल रिपोर्ट से कैबिनेट में फेरबदल को लेकर फैसला हो सकता है। सरकार से जुड़े एक सूत्र का कहना है, मोदी सरकार द्वारा दूसरा बजट पेश किए जाने के बाद से सभी मंत्रियों को अपने विभाग के कामकाज पर एक प्रेजेंटेशन बनाकर देने का निर्देश दिया गया है। मीटिंग ऐसे समय में बुलाई गई है जब मॉनसून सत्र से पहले कैबिनेट में फेर-बदल की खबरें तेज हैं। 

कैबिनेट में होने वाले बदलावों के बारे में मीडिया में ऐसी खबर है कि आने वाले दिनों में जिन राज्यों में चुनाव हैं, वहां के प्रतिनिधियों को कैबिनेट में जगह दी जाएगी। माना जा रहा है कि यूपी और पंजाब के कोटे से ज्यादा मंत्री बनाए जा सकते हैं। दोनों ही राज्यों में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं। सरकार से जुड़े एक सूत्र का कहना है, ऐसी खबर है कि 30 जून को होने वाली बैठक कैबिनेट में बदलाव से पहले की प्रक्रिया है। 

प्रधानमंत्री खुद समय-समय पर विभिन्न मंत्रालयों का प्रदर्शन देखते रहे हैं और उनका फोकस योजनाओं के तय समय में क्रियान्वयन पर रहा है। कई महत्वपूर्ण राज्यों में होने वाले चुनावों से पहले जमीनी स्तर पर योजनाओं को पूरा करने की कोशिश तेज है। इन दिनों विभिन्न मंत्रालयों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्द्धा का माहौल नजर आ रहा है। सभी मंत्री और विभाग सर्वश्रेष्ठ रेटिंग पाने के लिए पुरजोर कोशिश कर रहे हैं।

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मोदी ने मंत्रियों से कहा है कि एनडीए सरकार द्वारा पेश किए गए दूसरे बजट के बाद से उन्होंने जो काम किया है उसका हिसाब-किताब इस मीटिंग में लेकर आएं। माना जा रहा है कि 15 जुलाई के बाद शुरू होने वाले पार्लियामेंट के मानसून सेशन से पहले मोदी कैबिनेट में बदलाव कर सकते हैं। इस लिहाज से 30 जून को होने वाली मीटिंग खास हो जाती है।

राजस्थान के नेता ओम माथुर और अर्जुन मेघवाल मंत्री बनाए जा सकते हैं। तीन और नेता मंत्री बनने की दौड़ में हैं। यूपी में अगले साल इलेक्शन के मद्देनजर मनोज सिन्हा और संजीव बालियान को प्रमोट किया जा सकता है। दोनों अभी राज्यमंत्री हैं। पावर मिनिस्ट्री का इंडिपेंडेंट चार्ज रखने वाले पीयूष गोयल भी प्रमोट हो सकते हैं। इलाहाबाद से सांसद श्याम चरण गुप्ता मंत्री बनाए जा सकते हैं। बताया जा रहा है कि यूपी में विधानसभा चुनाव को देखते हुए ये फैसला लिया जा सकता है। असम से रमेन डेका को भी मिनिस्टर बन सकते हैं। विनय सहस्त्रबुद्धे मंत्री बनाए जा सकते हैं। वे राज्यसभा से सांसद हैं। वहीं, गिरिराज सिह, नजमा हेपतुल्ला और निहालचंद की कुर्सी जा सकती है। 

सूत्रों का मानना है कि मोदी कैबिनेट में पंजाब और यूपी के नेताओं को ज्यादा जगह मिल सकती है। इसकी वजह इन दो राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव हैं। बता दें कि मोदी समय-समय पर अपने मंत्रियों से परफॉर्मेंस रिपोर्ट मांगते रहे हैं। 

ताशकंद मिशन पर PM, बोले-भारत को लाभप्रद नतीजों की उम्मीद

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार सुबह 11 बजे उज्बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद के लिए रवाना हो गए है। इससे पहले मोदी ने कहा कि भारत शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का सदस्य बनकर खुश होगा और इसे एससीओ के जरिए विशेष रूप से आर्थिक सहयोग के क्षेत्र में लाभप्रद नतीजों की उम्मीद है। मोदी ने उज्बेकिस्तान में होनेवाली एससीओ की बैठक के लिए रवाना होने से पहले जारी बयान में कहा, मैं एससीओ बैठक में हिस्सा लेने के लिए उज्बेकिस्तान जाऊंगा और वहां एससीओ के सदस्य देशों के नेताओं के साथ वार्ता करूंगा। उन्होंने कहा, भारत एससीओ का सदस्य बनकर खुश होगा और उसे एससीओ के जरिए विशेष रूप से आर्थिक सहयोग क्षेत्र में लाभप्रद नतीजों की उम्मीद है।
बयान के मुताबिक, भारत के मध्य एशिया के साथ संबध अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और वह हमेशा आर्थिक स्तर पर तथा क्षेत्र में लोगों के साथ संबंधों में विस्तार चाहता है। एससीओ बैठक का आयोजन उज्बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद में 23-24 जून को होगा।

बुधवार, 22 जून 2016

UP-बिहार में बारिश संग बरसी मौत,बिजली गिरने से 76 जानें गई

पटना। बिहार के विभिन्न जिलों में पिछले 24 घंटे के दौरान आकाशीय बिजली गिरने से 56 लोगों की मौत हो गई जबकि 15 से अधिक लोग झुलस कर घायल हो गए। आपदा प्रबंधन विभाग ने मृतक के परिजनों को चार-चार लाख रूपये की सहायता देने की घोषणा की है। 

एएनआई की खबर के अनुसार यूपी व बिहार में बिजली गिरने से कुल 76 मौतें हुई हैं।

राज्य के आपदा प्रबंधन मंत्री चंद्रशेखर ने बुधवार को पटना में संवाददाताओं को बताया,पिछले 24 घंटे के दौरान राज्य के विभिन्न हिस्सों में आकाशीय बिजली गिरने से 55-56 लोगों की मौत हो चुकी है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों से अब भी वज्रपात के शिकार होने वाले लोगों की सूचना मिल रही है, इसलिए मृतकों की संख्या बढ सकती है। उन्होंने बताया कि सरकार ने मृतकों के आश्रितों को चार-चार लाख रूपये की आर्थिक सहायता देने का फैसला किया है। 

पुलिस के अनुसार, ये मौतें राज्य के 15 अलग-अलग जिलों में हुई हैं। सबसे ज्यादा मौतें पटना में हुई हैं जहां बिजली गिरने से आठ लोगों की मौत हुई। रोहतास जिले में बिजली गिरने से पांच लोगों की मौत हुई जबकि नालंदा और औरंगाबाद जिले में चार-चार लोग आसमानी कहर का शिकार हुए हैं। इसके अलावे मुंगेर में दो, सहरसा व कटिहार में तीन-तीन और किशनगंज, पश्चिम चंपारण व गया जिले में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई है। मौतों की संख्या की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन भोजपुर, बक्सर, औरंगाबाद और कैमूर जिले में भी आकशीय बिजली की चपेट में आने से लोगों की अकाल मौत होने की सूचना है।

राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव ब्यास जी ने बताया कि आकाशीय बिजली की चपेट में आने से विभिन्न क्षेत्रों में 15 से अधिक लोग घायल भी हुए हैं, जिन्हें इलाज के लिए विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। उन्होंने बताया कि संबंद्ध जिला प्रशासन द्वारा मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रूपये की आर्थिक सहायता देने की कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई है। कई क्षेत्रों में आंधी-बारिश से मकानों को भी नुकसान पहुंचा है

उल्लेखनीय है कि राज्य के अधिकांश हिस्सों में बुधवार को भी वर्षा हो रही है। बीते 24 घंटों के दौरान पटना में 21 मिलीमीटर, भागलपुर में 88 मिलीमीटर तथा पूर्णिया में 97 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। पटना स्थित मौसम विज्ञान केन्द्र के निदेशक एके सेन ने बताया कि मानसून के सçRय होने के कारण अगले 24 घंटे के दौरान उत्तर बिहार में लगातार भारी बारिश होगी। (आईएएनएस) 

सोमवार, 20 जून 2016

महेश गिरि के समर्थन में अनशन पर स्वामी, केजरी के मंत्रियों को बताया चोर

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर धरने पर बैठे भाजपा सांसद महेश गिरि का समर्थन करने भाजपा के प्रमुख नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी भी पहुंच गए है। भाजपा सांसद महेश गिरि रविवार रात से ही केजरीवाल के घर के बाहर आमरण अनशन में बैठे हैं। सुब्रह्मण्यम स्वामी ने केजरीवाल पर अपने अंदाज में हमला करते हुए उनके सभी मंत्रियों को चार कह डाला। बढ़ते सियासी घमासान और मौके की नजाकत को देखते हुए अनशन की जगह पर बड़ी संख्या में सीआरपीएफ को तैनात कर दिया गया है।
अनशन करने पहुंचे स्वामी ने कहा, मैं यहां महेश गिरि जी का समर्थन करने पहुंचा हूं। केजरीवाल ने उनके ऊपर जो आरोप लगाए हैं, वह बेबुनियाद हैं। अरविंद केजरीवाल को माफी मांगनी चाहिए। सुब्रह्मण्यम स्वामी ने आप सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि केजरीवाल के मंत्री चोर हैं। ये देशद्रोहियों की सरकार है, महाभ्रष्ट सरकार है। दिल्ली सरकार को तुरंत बर्खास्त कर देना चाहिए। स्वामी ने कहा कि जो राज्य सरकार संविधान का पालन नहीं करती है, उसे तुरंत बर्खास्त करना चाहिए। महेश गिरि के मामले में स्वामी ने केजरीवाल से माफी मांगने की भी मांग की है।

सुब्रह्मण्यम स्वामी ने इसके साथ ही दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा, ‘एलजी को बर्खास्त कर देना चाहिए। यह भी रोज अहमद पटेल की सलाह पर काम करते हैं। संविधान के खिलाफ काम कर रहे हैं।’ स्वामी ने आगे कहा कि दिल्ली की सरकार को भी बर्खास्त कर देना चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य की बदहाली के बारे में गृहमंत्री राजनाथ सिंह से बात करेंगे।
बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर भाजपा सांसद महेश गिरि का धरना पिछले 24 घंटों से जारी है। वह रातभर से अनशन पर बैठे हैं। महेश गिरि ने कहा है कि जब तक केजरीवाल उनसे बहस करने के लिए नहीं आते, वह धरने पर बैठे रहेंगे।
केजरीवाल ने दोहराए आरोप
गिरि की खुली बहस की चुनौती का कोई जवाब देने के बजाय अरविंद केजरीवाल ने उन पर दोबारा आरोप लगाया और जांच की मांग की। दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल ने गिरि पर हत्या का आरोप लगाया था।
इस बीच महेश गिरि ने दिल्ली के पुलिस कमिश्नर आलोक कुमार वर्मा को चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने उन पर लगाए गए आरोपों की निष्पक्ष जांच की मांग की है। साथ ही लिखा है कि अगर वह दोषी हैं तो उन्हें गिरफ्तार किया जाए।
आशुतोष बोले- गिरफ्तारी दें गिरि
इस बीच, आम आदमी पार्टी के नेता आशुतोष ने ट्वीट कर महेश गिरि पर हमला बोला। उन्होंने ट्वीट में लिखा कि हत्या के आरोपी को धरना पर नहीं बैठना चाहिए, बल्कि गिरफ्तारी देकर जांच में मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गिरि 29 दिन तक अनशन करें। 

शनिवार, 18 जून 2016

इफ्तार पार्टी! सलमान खान-लूलिया और



दबंग सलमान खान जो भी करते हैं वह ट्रेंड बन ही जाता है चाहे उनकी हेयर-स्टाइल हो या फिर बोलने का अंदाज! कुछ ऐसा ही सलमान इस बार इफ्तार पार्टी में करने वाले हैं। जैसा की सभी जानते हैं मुंबई में हर साल एमएलए बाबा सिद्द्की इफ्तार पार्टी का आयोजन करते हैं। लेकिन इस बार यह इफ्तार पार्टी होगी थोड़ी खास...




सलमान-बाबा का याराना लीडिंग अखबार मुंबई मिरर के मुताबिक इस इफ्तार पार्टी में इस बार सलमान-लुलिया साथ में शिरकत कर सकते हैं। बाबा सिद्द्की और सलमान का याराना काफी पुराना हैं। इसी इफ्तार पार्टी में बाबा सलमान-शाहरुख को एक दूसरे के करीब लाए थे। बता दें इस बार बाबा की पार्टी में पुरुष और महिलाएं दोनों शिरकत करेंगें।




बाबा सिद्द्की बाबा सिद्द्की ने खुद इस बात को स्वीकारते हुए कहा कि सलमान, अलवीरा ने उन्हें सज्जेस्ट करते हुए कहा कि इस बार इफ्तार पार्टी में महिलायों को भी आमंत्रित किया जाए। जिसके चलते मेने सभी गेस्ट और पॉलिटिशियन को अपनी बीवियों के साथ आने का निमंत्रण दिया हैं।




सलमान खान-लुलिया इस पार्टी में सलमान के साथ लुलिया और उनकी बहन अलवीरा शिरकत करेगीं। बता दें यह इफ्तार पार्टी रविवार को होंगी आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में पहली बार ऐसा होगा की महिलाएं-पुरष एक साथ इफ्तार पार्टी में रोजा खोलेंगे।




दूसरी ऑफिशियल पब्लिक अपीयरेंस
हम्म्म वाकई सलमान का यह आईडया काफी अच्छा है। साथ ही यह सलमान खान और लुलिया की यह दूसरी ऑफिशियल पब्लिक अपीयरेंस होगी। वैसे हाल ही में सलमान अपनी खास दोस्त प्रिटी जिंटा के रिस्पेशन में लुलिया के साथ नजर आए थे।







जिसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि सलमान और लुलिया अब अपने रिश्ते को सभी के सामने ऑफिसियल कर देंगें लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं।

UP चुनावों को ध्रुवीकृत करना नहीं चाहते, पर पलायन हुआ तो जांच हो, जेटली

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि भाजपा उत्तर प्रदेश चुनावों को सांप्रदायिक या ध्रुवीकृत नहीं करना चाहती है, पर यदि कैराना से पलायन के कुछ साक्ष्य हैं, तो प्रदेश सरकार को इस मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए। शुक्रवार को एक निजी टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में जेटली ने यूपी के कैराना से लेकर विवादित सेंसर बोर्ड अध्यक्ष पहलाज निहलानी और देश से भागे विजय माल्या सहित अन्य मुद्दों पर बात की।
जेटली ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि वह विज्ञापन फंड का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी सिर्फ ‘मित्रवत’ मीडिया संगठनों को विज्ञापन दे रही है, आलोचना करने वाले संगठनों को नहीं। भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि राम मंदिर को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में चुनावी मुद्दा नहीं बनाया जाएगा और न ही उनकी पार्टी सिर्फ वोट पाने के लिए प्रदेश का ध्रुवीकरण करना चाहती है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कैराना गांव से कथित पलायन को लेकर बड़ा विवाद पैदा हो गया है, हालांकि राज्य के प्रशासन ने वहां किसी भी प्रकार के धार्मिक-पलायन पर सवाल उठाया है।
उन्होंने कहा कि हम किसी भी प्रकार से चुनाव को साम्प्रदायिक या ध्रुवीकृत नहीं करना चाहते हैं लेकिन अगर कैराना से पलायन होने के थोड़े भी साक्ष्य हैं तो यह महत्वपूर्ण मुद्दा है और राज्य सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए। क्षेत्र के कुछ भाजपा नेताओं द्वारा इस मुद्दे पर दिए गए बयान के बारे में पूछने पर जेटली ने कहा कि अगर विधानसभा क्षेत्रों में कोई स्थानीय स्थिति उत्पन्न होती है, स्थानीय विधायक उस स्थानीय मुद्दे पर प्रतिक्रिया देंगे ही, लेकिन पार्टी समेकित रूप से विस्तृत विचार रखेगी।
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि उत्तर प्रदेश में फिलहाल सबसे बड़ा मुद्दा शासन की गुणवत्ता और कानून-व्यवस्था का है। अंतत: सार्वजनिक रूप से जो भी बयान दिए गए हैं, वे सार्वजनिक ही हैं। लेकिन मैं आपको सिर्फ यह बता सकता हूं कि अंतत: पार्टी के अध्यक्ष तय करते हैं कि किसी बात पर उसका रुख क्या होगा, और इसलिए जहां तक बात उत्तर प्रदेश चुनाव से जुड़ी है। हालांकि भाजपा अयोध्या में मंदिर बनाने को प्रतिबद्ध है, लेकिन पहले हुए चुनावों में भी हमने हमेशा कहा है कि हम उसे चुनावी मुद्दा नहीं बनाने वाले हैं। हमारे लिए यह चुनावी मुद्दे से कहीं बढक़र है। 
सेंसर बोर्ड को लेकर उपजे विवाद और उसके प्रमुख पहलाज निहालानी को बर्खास्त किया जाना चाहिए या नहीं, इस पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का प्रभार संभाल रहे अरुण जेटली ने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि एक बार हम उन नए दिशा निर्देशों (सेंसर बोर्ड के लिए) की घोषणा कर दें, फिर व्यक्ति की भूमिका नगण्य हो जाएगी। एक व्यक्ति के साथ कैसे निपटा जाए, मुझे लगता है कि आपको सरकार पर भरोसा करना चाहिए। सरकार उनसे निपट लेगी और नियंत्रण की सलाह देगी या फिर उस मामले में जो भी उचित कार्रवाई बन पड़ेगी, वह करेगी। उन्होंने संकेत दिया कि सेंसर बोर्ड के लिए नए दिशा निर्देश कुछ ही सप्ताह में घोषित हो जाएंगे।

दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग द्वारा कामकाज में हस्तक्षेप करने संबंधी केजरीवाल के आरोपों के बारे में जेटली ने कहा कि दिल्ली राज्य नहीं, बल्कि संघ शासित प्रदेश है। यह केन्द्र सरकार की सीट है, क्या हमारे पास ऐसा संघ शासित प्रदेश हो सकता है, जो कहे कि हम उपराज्यपाल को दरकिनार करेंगे? वरिष्ठ नौकरशाह दिल्ली में काम नहीं करना चाहते हैं। आप के लिए प्रदर्शन करने और शासन करने का ऐतिहासिक अवसर है। आपको अपने काम उपराज्यपाल के तहत करने होंगे। देश में कई गैर-भाजपा राज्य सरकारें हैं, लेकिन सिर्फ एक संघ शासित प्रदेश ऐसे व्यवहार करता है जैसे उसके पास सम्पूर्ण सत्ता हो। मुझे लगता है कि दिल्ली में जो हो रहा है वह संवैधानिक अतिविरूपता है।

विजय माल्या को ब्रिटेन से लाने में सरकार की विफलता पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि ब्रिटेन दुनिया के सबसे सभ्य सार्वजनिक जीवन वाले देशों में से एक है। ऐसे में ब्रिटेन का भारत के भगोड़ों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बनना, मेरी समझ से बाहर है। ब्रिटिश सरकार ने रुख अपनाया है कि अगर आप वैध पासपोर्ट के साथ देश में प्रवेश करते हैं तो उस व्यत्चि को निर्वासित नहीं कर सकते, आपको प्रत्यर्पण के रास्ते आना होगा। और परंपरागत रूप से वे लोगों को प्रत्यर्पित करने में बहुत धीमे और अडिय़ल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि जब आप भारत सरकार की आलोचना करते हैं, हम हर तरह का कदम उठाते हैं, लेकिन अंतत: हम किसी व्यक्ति को वहां से उठाकर तो नहीं ला सकते हैं। मैं सिर्फ आशा कर सकता हूं कि ब्रिटिश सरकार को एहसास होगा कि एक अधिकार क्षेत्र का भगोड़ा दूसरे अधिकार क्षेत्र में शरण नहीं पा सकता है। यह सभ्यता नहीं है। यह कम से कम ब्रिटिश सभ्यता तो नहीं है। भारतीय रिजर्व बैंक के प्रमुख रघुराम राजन पर सुब्रह्मण्यम स्वामी के हमलों के बारे में जेटली ने कहा कि कुछ लोग ज्यादा बोलते हैं, लेकिन बहुत स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यह पार्टी का रुख नहीं है। 

शुक्रवार, 17 जून 2016

अमेरिका की NSG सदस्यों से अपील, भारत का करें समर्थन

वाशिंगटन। अमेरिका ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) के सदस्य देशों से इस विशिष्ट समूह में भारत की सदस्यता के लिए समर्थन करने का अनुरोध किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने अपने दैनिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, अमेरिका ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह के सहयोगी देशों से यह अपील की है कि जब भी एनएसजी की समग्र चर्चा हो, इसके सहयोगी देश भारत के आवेदन का समर्थन करें, जो संभवत: अगले हफ्ते होगी।

एक प्रश्न के जवाब में किर्बी ने कहा, फिलहाल मैं यह नहीं बता सकता कि यह कैसे होगा और ना ही मैं कोई अटकल लगा सकता हूं कि किस तरह से इसे किया जाएगा, लेकिन हमने यह साफ किया है कि हम भारत के आवेदन का समर्थन करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पिछले सप्ताह अमेरिका यात्रा के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 48 सदस्यीय समूह के लिए भारत के आवेदन का स्वागत किया था। अमेरिका एनएसजी में भारत की सदस्यता का समर्थन कर रहा है।

इससे पहले यहां एक बैठक से पूर्व अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी ने एनएसजी में भारत की सदस्यता का विरोध कर रहे देशों को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि उन्हें समूह में भारतीय प्रशासन को शामिल किए जाने पर आम सहमति में रुकावट नहीं डालते हुए इस पर सहमति जतानी चाहिए।
बता दें कि पीएम मोदी और ओबामा के बीच बातचीत के बाद जारी एक संयुक्त बयान में यह कहा गया था कि अमेरिका एनएसजी के सदस्य देशों से यह अपील करता है कि इस महीने के आखिर में एनएसजी प्लेनरी में भारत का आवेदन आने पर इसके सहयोगी देश भारत का समर्थन करें। बहरहाल, एनएसजी का सदस्य नहीं होने के बावजूद भारत अमेरिका के साथ अपने परमाणु सहयोग समझौता के लिए 2008 के एनएसजी नियों में छूट के तहत इसकी सदस्यता का लाभ ले रहा है।

एनएसजी परमाणु से संबंधित मुद्दों को देखता है और इसके सदस्यों को परमाणु प्रौद्योगिकी के व्यापार एवं उसके निर्यात की इजाजत होती है। एनएसजी सर्वसम्मति के सिद्धांत के तहत काम करता है और भारत के खिलाफ एक देश का भी वोट भारत की दावेदारी को नुकसान पहुंचा सकता है। अमेरिका ने एनएसजी में भारत के प्रवेश पर समर्थन के संबंध में यह बयान ऐसे समय में दिया है जब एक दिन पहले चीन की आधिकारिक मीडिया ने चिंता जताई थी कि भारत के प्रवेश से दक्षिण एशिया में सामरिक संतुलन प्रभावित होगा और भारत एक वैध परमाणु शक्ति बन जाएगा। 

गुरुवार, 16 जून 2016

स्मृति ने खुद को बताया 'आंटी नेशनल', बोलीं- बिहार के मंत्री के डियर कहने पर क्यों भड़कीं

नई दिल्ली. 'डियर' कहने पर सोशल मीडिया पर हाल ही में एक बहस में उलझने के बाद एचआरडी मिनिस्टर स्मृति ईरानी ने अब खुद को 'आंटी नेशनल' कहा है। साथ ही खुद को आलोचना का सामना करने वाला भी बताया है। बता दें कि स्मृति को बीते मंगलवार को बिहार के एक मिनिस्टर ने "डियर' कहा था, जिस पर उन्होंने एतराज जताया था। और क्या कहा स्मृति ने...
- उन्होंने कहा है, 'जब मैं छाेटी थी, उस वक्त लड़कियों को जवाब नहीं देने के लिए कहा जाता था। लोगों को इससे फर्क नहीं पड़ता था कि लड़के, लड़कियों को कितना अपमानित करते थे।'
- स्मृति ने कहा, ''अगर कोई लड़की जवाब देती भी थीं तो उसे अक्खड़ मान लिया जाता था।''
- ''सवाल ये है कि उन्हें (लड़कियों) जवाब क्यों नहीं देना चाहिए? लड़कियों को चुप रहने को क्यों कहा जाता है?''
- एचआरडी मिनिस्टर ने बीजेपी से एफिलिएटेड वेबमैगजीन thenamopatrika.com के लिए लिखे अपने एक आर्टिकल में ये कहा है।
- स्मृति ने कहा- मुझे आंटी नेशनल कहिए, फर्क नहीं पड़ता। मैं आलोचना का सामना करने में विश्वास करती हूं, इससे भागती नहीं।
ट्विटर पर ऐसे शुरू हुआ था विवाद
- दरअसल, बिहार के एजुकेशन मिनिस्टर अशोक चौधरी ने नई एजुकेशन पॉलिसी को लेकर स्मृति को ट्विटर पर 'डियर' कहकर सवाल किया था।
- इस पर स्मृति ने एतराज जताया था। बाद में इस बहस में ट्विटर यूजर्स भी कूद पड़े थे।
- अशोक चौधरी ने अपने ट्वीट में कहा था, "डियर स्मृति ईरानी जी... कभी राजनीति और भाषण से वक्त मिले तो शिक्षा नीति की तरफ भी ध्यान दें।"
- "डियर स्मृति ईरानी जी, हमें नई एजुकेशन पॉलिसी कब मिलेगी...? आपके कैलेंडर में 2015 कब खत्म होगा।"
- इसके बाद स्मृति ने इस पर अपनी पोस्ट में जवाब दिया और कहा- "महिलाओं को कब से 'डियर' कहकर संबोधित करने लगे अशोकजी?"

बुधवार, 15 जून 2016

‘उड़ता पंजाब’ का विरोध जारी, फिल्म के खिलाफ एक NGO ने SC में दायर की याचिका

नई दिल्ली. फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ को लेकर विवाद अभी थमा नहीं है। अब पंजाब बेस्ड एक एनजीओ ने हाईकोर्ट के फैसले पर स्टे लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। 13 जून को बॉम्बे हाईकोर्ट फ़िल्म को ग्रीन सिग्नल दे चुका है। फिल्म 17 जून को रिलीज होने जा रही है। एनजीओ ने की SC से जल्दी सुनवाई की मांग...
 
 
 
- जालंधर के ह्यूमन राइट्स अवेयरनेस नाम के एनजीओ ने कहा है कि हाईकोर्ट फिल्म हटाने वाले सीन या डॉयलॉग पर फैसला नहीं कर सकता।
- एनजीओ का कहना है कि फिल्म में पंजाब को गलत तरीके से पेश किया गया है।
- एनजीओ के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि उनकी दलीलों को जल्द सुना जाए, क्योंकि फिल्म इसी शुक्रवार को रिलीज़ होने जा रही है।
- सुप्रीम कोर्ट ने पिटिशनर को कागज़ी कार्यवाही पूरी करने के लिए कहा है, जिसके बाद वह फैसला करेगी कि मामला सुनवाई के लिए लेना है या नहीं।
 
बॉम्बे HC ने 1 कट और 3 डिस्क्लेमर के साथ दी थी फिल्म को मंजूरी
 
बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को फैसला सुनाते हुए फिल्म के प्रोड्यूसर्स से मूवी में एक सीन कट करने और तीन डिस्क्लेमर दिखाने को कहा है।
फिल्म में टॉमी सिंह (शाहिद कपूर) के एक सीन को हटाने के लिए कहा गया है। इसमें वे पब्लिक प्लेस पर यूरीन करते नजर आते हैं।
 
3 डिस्क्लेमर लगेंगे
 
पहला- हम ड्रग्स का यूज प्रमोट नहीं करते।
दूसरा- खराब शब्द सिर्फ हकीकत बयां करने के लिए हैं, प्रमोट करने के लिए नहीं।
- तीसरा- यह मूवी किसी राज्य की छवि खराब करने के लिए नहीं है।
 
HC ने लगाई थी सेंसर बोर्ड को फटकार
 
- बॉम्बे हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा था - "हमने यह देखने के लिए फिल्म की पूरी स्क्रिप्ट पढ़ी है कि कहीं ड्रग्स को एनकरेज तो नहीं किया गया। "
- "हमें यह नहीं मिला कि फिल्म में शहरों के नामों के जरिए भारत की सॉवर्निटी या इंटीग्रिटी पर पर सवाल खड़े किए हैं।" बता दें कि सेंसर बोर्ड ने फिल्म में आठ शहरों के साइनबोर्ड पर आपत्ति जताते हुए फिल्ममेकर्स से इन्हें हटाने के लिए कहा था।
- "जब तक क्रिएटिव फ्रीडम का गलत इस्तेमाल न हो, किसी को दखल नहीं देना चाहिए।"
- "बोर्ड में 'सेंसर' शब्द का जिक्र नहीं है। बोर्ड को भारत के संविधान और सुप्रीम कोर्ट के डायरेक्शन के तहत ही अपने पावर का इस्तेमाल करना चाहिए।"
 
क्यों है फिल्म पर विवाद?
 
- आशंका है कि फिल्म का असर 2017 के पंजाब असेंबली इलेक्शन पर हो सकता है।
- कई पार्टियां ड्रग्स को चुनावी मुद्दा बनाने की तैयारी में हैं। दरअसल, फिल्म के क्लाइमेक्स में एक लोकल नेता चुनाव जीतने के लिए अपने मेनिफेस्टो के साथ ड्रग्स के पैकेट बांटता है।
- ड्रग्स को किस तरह दो-तीन प्रोडक्ट्स के साथ मिलाकर बनाते हैं और फैक्ट्री में यह कैसे बनती है, इसकी पूरी डिटेल फिल्म में है। यह भी बताया गया है कि किस तरह से ड्रग फैक्ट्रियां ऑपरेट हो रही हैं।
- फिल्म में शाहिद कपूर ड्रग एडिक्ट पॉप सिंगर बने हैं और अपने गानों में ड्रग्स के बारे में बताते हैं।
- फिल्म में आलिया भट्ट भी ड्रग एडिक्ट के कैरेक्टर में हैं।

मलेशिया की यूनिवर्सिटी ने भारत के हिंदुओं को बताया 'गंदा', कम्युनिटी ने जताया विरोध

कुआलालम्पुर. मलेशिया की एक लीडिंग यूनिवर्सिटी ने इंडिया में रहने वाले हिंदुओं को 'डर्टी' और 'अनक्लीन' बताया है। टीचिंग मॉडयूल के ऑनलाइन पब्लिश होने के बाद यहां इसे लेकर विवाद हो गया है। इससे माइनॉरिटी कम्युनिटी के लोगों में खासी नाराजगी है। सिखों के खिलाफ भी की हैं टिप्पणी...



- मुस्लिम मेजॉरिटी वाले मलेशिया की UTM यूनिवर्सिटी ने अपने टीचिंग मॉडयूल को ऑनलाइन पोस्ट किया है।
- इसमें दावा किया गया है कि हिंदू लोग बॉडी पर गंदगी को निर्वाण प्राप्त करने का धार्मिक जरिया मानते हैं।
- मॉडयूल में यह भी कहा गया है कि इस्लाम ने ही इंडिया में सिविलिटी को इंट्रोड्यूस किया था।
- मॉडयूल की एक स्लाइड में सिखों पर भी सवाल खड़े किए गए हैं।
- इसमें कहा गया है कि सिखों के गुरु, गुरुनानक को इस्लाम की ज्यादा समझ नहीं थी। उन्होंने इसे हिंदू लाइफस्टाइल से जोड़ा था।

मसला उठने के बाद यूनिवर्सिटी ने कहा- रिव्यू करेंगे

- यूनिवर्सिटी ने टीचिंग मॉडयूल को रिव्यू करने की बात कही है।
- यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट ने यह फैसला डिप्टी एजुकेशन मिनिस्टर पी. कमलनाथन द्वारा इस मसले को उठाने के बाद किया है।
- मिनिस्टर ने अपनी फेसबुक पोस्ट्स में यह मसला उठाया।
- इनकी फेसबुक पोस्ट्स को न्यूज पोर्टल मलाया मेल ऑनलाइन ने अपने पेज पर अपलोड किया था।

क्या कहा मंत्री ने?

- एथनिक इंडियन मिनिस्टर कमलनाथन ने अपनी एक फेसबुक पोस्ट में कहा है- मॉडयूल में जरूरी बदलाव जल्द किए जाएंगे। अफसर मेरी सलाहों को मान रहे हैं और उन्होंने मुझ से वादा किया है कि ऐसी गलतियां दोबारा नहीं की जाएंगी।
- मिनिस्टर ने यह भी कहा है कि- मॉडयूल को जानबूझकर गलत बनाया गया था। इसमें मजहबों को गलत तरीके से पेश किया गया था।
- उन्होंने हिंदुओं से शांत रहने की भी अपील की है।
- कमलनाथन ने कहा है कि वो हायर एजुकेशन मिनिस्ट्री से इस्लामिक और एशियन सिविलाइजेशन स्टडीज मॉडयूल को रिलिजियस एक्सपर्ट द्वारा रिव्यू कराने को भी कहेंगे। इसके बाद ही इन्हें स्टूडेंटस के सामने लाया जाएगा।

इंडियन प्रोग्रेसिव एसोसिएशन ने जताया कड़ा एतराज

- मलेशियन इंडियन प्रोग्रेसिव एसोसिएशन (MIPAS) ने यूनिवर्सिटी के टीचिंग मॉडयूल पर कड़ा एतराज जताया है।
- एसोसिएशन के सेक्रेटरी जनरल एस बराथिदासन ने कहा कि इस मॉडयूल से हिंदू धर्म की पवित्रता को नुकसान पहुंचा है।
- उन्होंने इसे हिंदुओं का अपमान बताते हुए यूनिवर्सिटी से माफी मांगने को कहा है।

मंगलवार, 14 जून 2016

बेटी का घर देखने हिमाचल पहुंचीं सोनिया, विवादों में रहा है प्रियंका का मकान

शिमला. कांग्रेस प्रेसिडेंट सोनिया गांधी शिमला के छराबड़ा में बन रहे बेटी प्रियंका वाड्रा का मकान देखने पहुंचीं। इस दौरान उन्होंने कंस्ट्रक्शन साइट को घूम-घूमकर देखा और उसके बारे में बातें करती नजर आईं। यहां करीब डेढ़ घंटे तक रुकने के बाद सोनिया होटल लौट गईं। हालांकि, प्रियंका इसके बाद काफी देर तक वहीं रुकी रहीं। बता दें कि दोनों इन दिनों शिमला में छुट्टियां मना रही हैं। क्यों विवादों में रहा है ये मकान...
- सोनिया और प्रियंका दिल्ली से चंडीगढ़ स्पेशल एयरक्राफ्ट से आए। इसके बाद रोड से शिमला पहुंचे।
- सोनिया सोमवार दोपहर 2:10 बजे होटल वाइल्ड फ्लावर हॉल गईं। एनएसजी ने इस होटल के आसपास के इलाके को सील कर दिया है।
- होटल में कुछ देर आराम करने के बाद वे सीधे अंडर कंस्ट्रक्शन मकान को देखने पहुंचीं, जो यहां से करीब आधा किलोमीटर दूर है। उनके साथ दिल्ली के आर्किटेक्ट भी मौजूद थे।
- उन्होंने मकान के कुछ हिस्सों और खासकर छत को देखा। आर्किटेक्ट को उन्होंने मौके पर निर्देश भी दिए।
- डेढ़ घंटे के बाद सोनिया गाड़ी में वापस वाइल्ड फ्लावर हॉल लौट गईं। प्रियंका वाड्रा काफी देर तक इसके बाद भी वहीं मौजूद रहीं।
क्यों विवादों में रहा ये मकान
- प्रियंका ने 2007 में करीब 4 बीघा जमीन यहां 47 लाख रुपए में खरीदी थी।
- आरोप है कि उस वक्त मार्केट रेट 1 करोड़ रुपए बीघा था, लेकिन प्रियंका के लिए हिमाचल सरकार ने लैंड रिफॉर्म्स एक्ट के सेक्शन 118 के तहत नियमों में ढील दी थी।
- इस सेक्शन के तहत यह जरूरी है कि हिमाचल के रहने वाले लोग ही जमीन खरीदें, लेकिन प्रियंका को फिर भी यह जमीन मिली।
- इसी विवाद के चलते इस मकान को कंस्ट्रक्शन की मंजूरी नहीं मिल पा रही थी।
प्रियंका को पसंद नहीं आया था कंस्ट्रक्शन
- छराबड़ा में प्रियंका का मकान लगभग बनकर तैयार है। 2008 में इस मकान का काम शुरू हुआ था।
- यह भी बता दें कि शुरुआत में इसे बनाने वाली कंपनी का काम प्रियंका को पसंद नहीं आया था।
- उन्होंने बने हुए मकान का 40 पर्सेंट ढांचा गिरवा दिया था। इसके बाद उन्होंने मकान को फिर से तैयार करवाया।
- उन्होंने घर की डिजाइन और सीमेंट के ज्यादा इस्तेमाल की वजह से उसे तुड़वा दिया था।
- यह मकान दो मंजिला है। इसमें इंटीरियर डेकोरेशन का काम देवदार की लकड़ी का है।
- बता दें कि प्रियंका गांधी को अपने घर को लेकर हाईकोर्ट से नोटिस भी मिल चुका है।
पहाड़ी डिजाइन में बन रहा है मकान
- प्रियंका गांधी के घर का खाका दिल्ली के एक इंटीरियर डिजायनर ने तैयार किया है।
- पिछले साल वे खुद जून में दिल्ली से इंटीरियर डिजायनर को लेकर शिमला आई थीं।
- प्रियंका का घर पहाड़ी शैली में बनाया जा रहा है। घर के काम की वजह से प्रियंका कई बार शिमला आ चुकी हैं।
कहां है छराबड़ा ?
- यह घर छराबड़ा गांव में बन रहा है, जो शिमला से 13 किलोमीटर की दूरी पर है। इस घर के पास ही राष्ट्रपति का निवास भी है। 
- प्रियंका ने राज्य सरकार से 2007 में घर बनाने के लिए छराबड़ा गांव में जमीन खरीदी थी।
- उनका घर 8 हजार फीट की ऊंचाई पर है, जिसके चारों ओर पाइन के खूबसूरत पेड़ हैं।
पहले भी आ चुकी हैं सोनिया गांधी
- प्रियंका 2015 के दिसंबर में भी मां सोनिया के साथ घर की साइट पर आई थीं।
- उनके घर का काम 2011 में ही शुरू हो गया था, लेकिन फिर उसे तुड़वा कर नए तरीके से 2012 में काम शुरू किया गया।

US ने रोकी थी 4500 करोड़ की मदद, PAK ने कहा-अब जॉर्डन से खरीदेंगे फाइटर जेट

इस्लामाबाद.पाकिस्तान ने अमेरिका से आठ एफ-16 फाइटर जेट्स लेने का चैप्टर बंद कर दिया है। अब वो जॉर्डन से फाइटर जेट खरीदेगा। फॉरेन सेक्रेटरी एजाज चौधरी का ये बयान उस वक्त आया है, जब पाकिस्तान में हुए अमेरिकी ड्रोन हमले को लेकर दोनों देशों के बीच खींचतान चल रही है। साथ ही, अमेरिका ने फाइटर जेट्स की खरीद में 4500 करोड़ रुपए की रियायत देने से इनकार कर दिया है। चीन से दोस्ती को लेकर नाराज है अमेरिका...
- चौधरी ने सोमवार को कहा, "अमेरिका पाकिस्तान के फैसले से सैटिसफाइड दिख रहा है।" 
- "पाकिस्तान अमेरिका से एफ-16 फाइटर जेट नहीं खरीदेगा। अब जॉर्डन से फाइटर जेट खरीदने की कोशिश की जाएगी।"
- उन्होंने कहा- "अमेरिका के साथ रिश्तों में तनाव की अहम वजह पाक की चीन से दोस्ती है।"
- "पाकिस्तान संप्रभुता जैसे कुछ मुद्दों पर अमेरिका के साथ सहयोग नहीं कर सकता है।"
- उन्होंने कहा कि अमेरिका के साथ तनावपूर्ण रिश्ते पाकिस्तान के लिए कोई नई बात नहीं है।
- चौधरी ने टेरर के खिलाफ वॉर पर अमेरिका की पॉलिसी की आलोचना की और कहा, ''यूएस ने आतंक पर लड़ाई लड़ने में 16 साल बिताए हैं।''
- ''अमेरिका ने अगर सिर्फ छह साल पीस प्रॉसेस के लिए दिए होते तो हालात कुछ और होते।''
क्यों कैंसल हो गई डील?

- अमेरिका ने फाइटर जेट्स के लिए पाक को सब्सिडी देने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद डील कैंसल हुई।
- फाइटर जेट्स की 70 करोड़ डॉलर की डील में पाकिस्तान को पहले सिर्फ 27 करोड़ डॉलर देने थे।
- बाकी के 43 करोड़ डॉलर यानी 4500 करोड़ रुपए यूएस अपनी तरफ से ग्रांट में दे रहा था।
- सांसदों के दबाव के बाद ओबामा एडमिनिस्ट्रेशन ने पाकिस्तान की सब्सिडी रोकते हुए पूरा पेमेंट करने को कहा।
- पाकिस्तान की हालत ऐसी नहीं थी कि वह जेट्स के लिए पूरा पेमेंट कर पाता।
- रिपोर्ट के मुताबिक, डील के लिए दिया गया ऑफर 24 मई तक ही था। पाकिस्तान को इस दौरान लेटर ऑफ एक्सेप्टेंस (खरीद की मंजूरी) अमेरिका को देना था। 
- पाकिस्तान ये लेटर वक्त रहते नहीं दे पाया और इसके साथ ही यह डील भी कैंसल हो गई। 
- पाकिस्तान के एक डिप्लोमैटिक सोर्स ने भी डील कैंसल होने की बात कन्फर्म की थी।

सरताज अजीज ने पहले हीदी थी धमकी
- जब पाकिस्तान को ये लगने लगा था कि अमेरिका से ये डील नहीं हो पाएगी तो उसने नया रुख अपनाया था। 
- विदेशी मामलों के एडवाइजर सरताज अजीज ने कहा था- "अगर अमेरिका से एफ-16 नहीं मिलते हैं, तो हम किसी दूसरे देश से इसी तरह के फाइटर जेट्स खरीद सकते हैं।"
- उनके डिफेंस मिनिस्टर ख्वाजा आसिफ ने भी यही बात कही थी।

सोमवार, 13 जून 2016

सुरक्षा के लिए मोदी का दखल चाहते हैं बांग्लादेशी हिन्दू

कोलकाता। बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हमले की कई घटनाओं के मद्देनजर इस अल्पसंख्यक समुदाय के लोग चाहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारत सरकार उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बांग्लादेश के साथ इस मामले को उठाए।
 
'बांग्लादेश हिन्दू-बुद्धिस्ट-क्रिश्चियन यूनिटी काउंसिल' के महासचिव और जाने-माने मानवाधिकार कार्यकर्ता राणा दासगुप्ता ने कहा कि बांग्लादेश में सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय निशाने पर है। कट्टरपंथी और जमात ताकतें बांग्लादेश से हिन्दुओं का सफाया करने का प्रयास कर रही हैं।
 
उन्होंने कहा कि हम महसूस करते हैं कि हिन्दू बहुसंख्यक राष्ट्र होने की वजह से भारत को कुछ करना चाहिए। हमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बहुत उम्मीदें हैं। उनको कदम उठाना चाहिए और बांग्लादेशी सरकार के समक्ष इस मुद्दे को उठाना चाहिए तथा हिन्दुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। 
 
हिन्दू आश्रम में काम करने वाले 60 वर्षीय नित्यरंजन पांडेय की बीते 10 जून को संदिग्ध इस्लामवादियों द्वारा निर्मम हत्या कर दी गई। बांग्लादेश में धर्मनिरपेक्ष कार्यकर्ताओं पर हमलों के क्रम में हिन्दू समुदाय से चौथे व्यक्ति को निशाना बनाया गया है।
 
दासगुप्ता ने दावा किया कि धार्मिक बहुसंख्यक एवं कट्टरपंथी समूह हिन्दू समुदाय का सफाया करना चाहते हैं। 2 वर्षों से धार्मिक सफाए की गति काफी तेजी से बढ़ी है। अगर बांग्लादेश कट्टरपंथी देश में तब्दील होता है तो भारतीय उपमहाद्वीप में स्थिरता कभी हासिल नहीं की जा सकती इसलिए अगर भारत क्षेत्र में स्थिरता चाहता है तो उसे हमारे देश में अल्पसंख्यकों पर हमले को रोकने के लिए कदम उठाना चाहिए।
 
बांग्लादेश के जाने-माने अभिनेता और बांग्लादेश फिल्म विकास निगम के पूर्व प्रबंध निदेशक पीयूष बंदोपाध्याय ने कहा कि जब तक भारत, बांग्लादेश पर दबाव नहीं बनाता तब तक कट्टरपंथी काबू में नहीं आएंगे। भारत इस क्षेत्र की बड़ी ताकत है। पड़ोसी देश में जब हिन्दुओं की निर्मम हत्या की जा रही है, तो भारत मूकदर्शक नहीं बना रह सकता।
 
बंदोपाध्याय ने बांग्लादेश में भारतीय उच्चायोग की त्वरित प्रतिक्रिया की सराहना की। भारतीय उच्चायोग ने हिन्दू पुजारी और उनके साथियों के परिजन से मुलाकात के लिए अपने अधिकारियों को भेजा था तथा भारत को और कुछ करने की जरूरत है।
 
बांग्लादेश में मानवाधिकार समूह और हिन्दू नेता धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए अधिक सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। बांग्लादेश के एक वरिष्ठ मंत्री का कहना है कि अल्पसंख्यकों पर हमले का मकसद धर्मनिरपेक्ष और उदारवादी अवामी लीग सरकार के कामकाज को बाधित करना है।
 
सूचना मंत्री हसनुल हक ने फोन पर कहा कि यह कट्टरपंथी और जमात की ताकतों की साजिश है कि बांग्लादेश की खराब तस्वीर पेश की जाए। इन हमलों का असली निशाना अल्पसंख्यक नहीं, बल्कि हमारी सरकार है। वे बांग्लादेश को कट्टरपंथी राष्ट्र बनाना चाहते हैं तथा हम ऐसा कभी नहीं होने देंगे। (

रविवार, 12 जून 2016

BJP की बड़ी मीटिंग आज से: राजनाथ को मिला था UP में CM कैंडिडेट बनने का ऑफर

इलाहाबाद.बीजेपी नेशनल एग्‍जीक्‍यूटिव की दो दिन की मीटिंग रविवार को यहां शुरू हो गई। इसमें नरेंद्र मोदी, अमित शाह, सीनियर मिनिस्टर्स, बीजेपी शासित राज्यों के सीएम और सांसद हिस्सा ले रहे हैं। मीटिंग में यूपी में अगले साल होने वाले इलेक्शन का एजेंडा तय होगा। एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, मीटिंग से पहले मोदी और अमित शाह ने राजनाथ सिंह को सीएम कैंडिडेट बनने का ऑफर दिया गया था। वहीं, पोस्टरों में भी वरुण गांधी और राजनाथ ही ज्यादा नजर आ रहे हैं। हालांकि, राजनाथ खुद कह चुके हैं कि वे दौड़ में नहीं हैं और यूपी में नेताओं की भी कमी नहीं है। वरुण ने इस मामले में चुप्पी साध रखी है।इलाहाबाद में दो दिन रहेंगे पीएम...

- होटल कान्हा श्याम में नेशनल एग्‍जीक्‍यूटिव की मीटिंग को पहले दिन अमित शाह ने संबोधित किया।
- मीटिंग में राजनाथ सिंह के अलावा रमन सिंह, मनोहर लाल खट्टर, निर्मल सिंह भी मौजूद रहे।
- केंद्र में बीजेपी की सरकार बनने के बाद से पहली बार नेशनल एग्‍जीक्‍यूटिव की मीटिंग यूपी में हो रही है।
- इलाहाबाद की सभी गलियां बैनर, पोस्टरों से पटी हैं। पूरे शहर में मोदी और दूसरे नेताओं के पोस्टर लगे हैं।
- इन बैनरों और पोस्टरों में 'मिशन 265 प्लस' को हाईलाइट किया गया है।
- मोदी दो दिन तक यहां रहेंगे। बताया जा रहा है कि यहीं से वे कामकाज देखेंगे।
- खबर है कि पीएमओ का एक टेम्पररी सेटअप भी बनाया गया है।
राजनाथ ने क्या दिया था जवाब
- यूपी में सीएम कैंडिडेट बनाए जाने की खबरों के बारे में राजनाथ ने हाल ही में कहा था कि ऐसी बातें काल्पनिक हैं। यूपी बीजेपी में नेताअों की कोई कमी नहीं है।
- हालांकि, न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट कहती है कि संसद का बजट सेशन के दौरान राजनाथ को मोदी और शाह की तरफ से सीएम कैंडिडेट बनने का ऑफर दिया गया था।
- राजनाथ ने ऑफर पर अब तक कोई रिस्पॉन्स नहीं दिया है।
- बता दें कि राजनाथ 2000 से 2002 के बीच यूपी के सीएम रहे हैं।
मोदी की हाईकोर्ट विजिट का विरोध कर सकते हैं वकील
- इस बीच, ऐसी खबर है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के वकील मोदी की हाईकोर्ट विजिट का विरोध करने के साथ प्रोग्राम का बायकॉट कर सकते हैं।
- दरअसल, वकीलों की नाराजगी अमित शाह के उस बयान से है, जिसमें उन्होंने कहा था कि यूपी में उनकी सरकार आने पर वेस्‍ट यूपी में भी हाईकोर्ट की बेंच बनेगी।
- वकीलों की डिमांड है कि पीएम उन्हें मिलने का समय दें। साथ ही, वादा करें कि हाईकोर्ट की बेंच के मुद्दे पर अनर्गल बयानबाजी नहीं होगी।
- उनका कहना है कि शाह के बयान का अगर खंडन नहीं किया गया तो वकील असेंबली चुनाव में बीजेपी का विरोध करेंगे।
इलाहाबाद में क्‍यों हो रही है मीटिंग?
- बीजेपी लीडर सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा- "इलाहाबाद यूपी की पॉलिटिक्‍स का केंद्र रहा है।"
- "इस स्थान से जवाहरलाल नेहरू से लेकर वीपी सिंह जैसे दिग्गजों ने काम किया और सीखा है।"
- "यहां पार्टी की मीटिंग होने से यूपी में पॉलिटिकल बदलाव लाने की हमारी कोशिशों पर जरूर असर पड़ेगा।"
ये है पीएम का मि‍नट-टू-मि‍नट प्रोग्राम...
- दोपहर 1:25 बजे नरेंद्र मोदी दिल्ली से इलाहाबाद के लिए रवाना होंगे।
- दोपहर 2:40 बजे इलाहाबाद के बमरौली एयरपोर्ट पहुंचेंगे।
- दोपहर 2:45 बजे बमरौली एयरपोर्ट से कार से प्रोग्राम वेन्यू पहुंचेंगे और यहां से सीधे 3:00 बजे होटल कान्हा श्याम आएंगे।
- होटल में 3:30 बजे तक बीजेपी के बड़े नेताओं के साथ बैठक करेंगे।
- 3:35 बजे होटल कान्हा श्याम से हाईकोर्ट के लि‍ए निकलेंगे।
- 3:40 बजे इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचेंगे, जहां 4:00 बजे प्रोग्राम में शामि‍ल होंगे।
- 4:00 बजे हाईकोर्ट से नि‍कलकर 4:05 बजे सर्किट हाउस पहुंचेंगे।
हाईकोर्ट के एक प्रोग्राम में शामिल होंगे

- 4:55 बजे सर्किट हाउस से चलकर शाम 5:00 बजे काली प्रसाद कॉलेज ग्राउंड पहुंचेंगे।
- शाम 5 बजे से रात 8 बजे तक वे बीजेपी की नेशनल एग्‍जीक्‍यूटिव कमेटी की मीटिंग में भाग लेंगे।
- कॉलेज ग्राउंड से रात 8:05 बजे कार से चलकर 8:10 बजे सर्किट हाउस पहुंचेंगे। वहां आराम करेंगे।
- इसके बाद मोदी 13 जून की सुबह 9:55 बजे सर्किट हाउस से चलकर 10:00 बजे केपी कॉलेज ग्राउंड पहुंचेंगे।
- वहां 4:15 बजे तक बीजेपी की नेशनल एग्‍जीक्‍यूटिव कमेटी मीटिंग में हिस्‍सा लेंगे।
- शाम 4:55 बजे केपी कॉलेज ग्राउंड से चलकर 5:00 बजे परेड ग्राउंड पहुंचेंगे।
- परेड ग्राउंड पर शाम 6:00 बजे तक एक जनसभा को संबोधि‍त करेंगे।
- इसके बाद 6:05 बजे ग्राउंड से हेलि‍कॉप्‍टर से 6:15 बजे बमरौली एयरपोर्ट पहुंचेंगे।
- वहां से 6:20 बजे प्‍लेन से नई दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे।

शनिवार, 11 जून 2016

इस साल पहली बार फाइनल में पहुंचीं साइना, वर्ल्ड नंबर 2 चीनी प्लेयर को हराया

सिडनी.भारत की स्टार शटलर साइना नेहवाल ने चीन की वांग यिहान को सीधे सेटों में हराकर ऑस्ट्रेलियन ओपन सुपर सीरीज के फाइनल में पहुंच गई हैं। 7.5 लाख डॉलर इनाम वाले इस टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में वर्ल्ड नंबर 8 साइना ने वर्ल्ड नंबर 2 यिहान को 21-8, 21-12 से हराया। फाइनल में उनका मुकाबला चीन की ही सूं यू से होगा। 2016 में साइना पहली बार किसी टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचीं हैं। ऐसा रहा मुकबला...
- 26 साल की इंडियन शटलर ने कोर्ट पर जबरदस्त फरफॉर्म किया। उन्होंने एक बार भी चाइनीज स्टार को उभरने नहीं दिया।
- पहले सेट में तो साइना ने शुरुआत में ही 13-3 की बढ़त बना ली थी। उनके स्मैश और स्पिन के आगे वांग पूरी तरह बेबस नजर आईं।
- पहला सेट साइना ने 21-8 से अपने नाम किया। यहां यिहान कभी भी मैच में नहीं दिखाई दे रही थीं।
दूसरे सेट का रोमांच
- पहले सेट की ही तरह दूसरे सेट में भी साइना ने आक्रामक शुरुआत की। देखते ही देखते उन्होंने 11-4 की बढ़त बना ली।
- साइना लगातार प्वाइंट्स लेकर 20 तक पहुंच गईं। ये सेट 21-12 पर खत्म हुआ। बता दें कि ये दोनों प्लेयर्स के बीच 16वां मैच था।
- इससे पहले 11 बार यिहान ने नेहवाल को हराया था, लेकिन सिडनी में वो रिकॉर्ड दोहरा नहीं सकीं।
श्रीकांत हारे
- वहीं दूसरी ओर, मेन्स कैटेगिरी में कदांबी श्रीकांत हारकर बाहर हो गए। उन्होंने दक्षिण कोरिया के क्वांग को 21-18, 21-17 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई थी।
- सेमीफाइनल में उन्हें हेंस क्रिस्टेन से 22-20, 21-13 से हार मिली।

शुक्रवार, 10 जून 2016

IND vs ZIM: हमारी नई टीम कल दिखाएगी दम, धोनी पूरे कर सकते हैं 9000 रन



स्पोर्ट्स डेस्क.टीम इंडिया और जिम्बाब्वे के बीच 3 मैच की सीरीज का पहला वनडे शनिवार दोपहर 12.30 बजे से हरारे में खेला जाएगा। इस मैदान पर टीम इंडिया ने अब तक 19 मैच खेले हैं। 13 में उसे जीत मिली है, जबकि 5 हारा है। एक मैच कैंसल रहा। ये सीरीज टीम इंडिया से ज्यादा महेंद्र सिंह धोनी के लिए इंम्पॉर्टेंट है, क्योंकि उनकी हालिया परफॉर्मेंस और कप्तानी पर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। IPL-9 में उनकी कप्तानी में राइजिंग पुणे सुपरजाइंट्स भी कुछ खास नहीं कर सकी थी। पहले मैच से नजरें धोनी पर इसलिए भी रहेंगी, क्योंकि वे 9000 रन पूरे करने से महज 82 रन दूर हैं। इनको मिला है आराम, धोनी होंगे परेशान...
- भारतीय टीम में विराट कोहली, रोहित शर्मा, शिखर धवन और रविचंद्रन अश्विन को आराम दिया गया है।
- अजिंक्य रहाणे भी नहीं हैं। इन प्लेयर्स की जगह नए खिलाड़ियों को मौका दिया गया है।
- ऐसे में, धोनी को स्ट्रैटजी नए प्लेयर्स के मुताबिक ही बनानी होगी। खास कर कॉम्बिनेशन पर ध्यान देना होगा। धोनी के लिए ये इतना आसान नहीं होगा।
- हालांकि, अंबाती रायुडू और मनीष पांडे के होने का फायदा मिलेगा।
इस रिकॉर्ड के करीब धोनी
- धोनी वनडे में 8918 रन बना चुके हैं। वे 9000 रन से 82 रन दूर हैं।
- अगर वे इस आंकड़े को छू लेते हैं तो वे वनडे में ऐसा करने वाले 5th इंडियन होंगे।
- सचिन तेंडुलकर, सौरव गांगुली, अजहरुद्दीन और राहुल द्रविड़ ने वनडे में ये आंकड़ा छुआ।
- दूसरी ओर, धोनी इस आंकड़े को छूने वाले दुनिया के तीसरे और भारत के पहले विकेटकीपर बैट्समैन भी बन जाएंगे।
- धोनी से पहले श्रीलंका के कुमार संगाकारा और ऑस्ट्रेलिया के एडम गिलक्रिस्ट इस मुकाम तक पहुंच सके।
... तो क्या फैज फजल को मिलेगा मौका

- विदर्भ के ऑलराउंडर फैज फजल को पहले मैच के लिए टीम में शामिल किया जा सकता है।
- 30 साल का ये खिलाड़ी शानदार फॉर्म में है। हाल ही में रेस्ट ऑफ इंडिया टीम की ओर से मुंबई के खिलाफ सेन्चुरी लगाई थी।
- अगर वे टीम में शामिल होते हैं तो बैटिंग और बॉलिंग में टीम को काफी हेल्प मिलेगी। ये उनका डेब्यू मैच होगा।
शेड्यूल
- पहला वनडे : 11 जून, हरारे
- दूसरा वनडे :13 जून, हरारे
- तीसरा वनडे :15 जून, हरारे

400 Cr का घोटाला: असेंबली में बेंच पर चढ़े MLA बोले-आरोपियों को बचा रहे केजरी

नई दिल्ली.दिल्ली असेंबली में शुक्रवार को जमकर हंगामा हुआ। स्पीकर पर अपनी बात रखने का मौका नहीं देने का आरोप लगाते हुए बीजेपी एमएलए विजेंदर गुप्ता टेबल पर चढ़ गए।असेंबली में टैंकर घोटाले को लेकर बहस हो रही थी। गुप्ता की इस हरकत पर डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ठहाके लगाने लगे। सीएम अरविंद केजरीवाल भी मुस्कुराते नजर आए। गुप्ता का आरोप है स्पीकर उन्हें बोलने नहीं दे रहे थे, इसलिए उन्होंने ऐसा किया। केजरीवाल ने कहा- आपकी पत्नी ने किया पेंशन घोटाला...
- इसी विवाद के दौरान अरविंद केजरीवाल ने कहा, ''मैं एमएलए को सभी कागजात देने के लिए तैयार हूं।''
- ''मैं कल जलबोर्ड की रिपोर्ट दे दूंगा।''
- ''आपकी पत्नी ने जो घोटाला किया है पेंशन पर वो रिपोर्ट हमें दीजिए।''
- बता दें कि केजरीवाल ने बीजेपी एमएलए विजेंदर गुप्ता की पत्नी पर पेंशन घोटाले का आरोप लगाया है।
- आप विधायकों ने विजेंदर गुप्ता को तुरंत सदन से बाहर निकालने की मांग की।
स्पीकर ने क्या कहा?
- दिल्ली विधानसभा के स्पीकर रामनिवास गोयल ने कहा,''यह सदन माइक तोड़ने पर शर्मसार, महिला सदस्य पर टिप्पणी करने पर शर्मसार हुआ।''
- ''कोई एमपी या विधायक ऐसे टेबल पर खड़ा हुआ हो पहले ऐसा कहीं नहीं हुआ।''
- ''आप सारा समय हाईजैक करते हैं।''
- ''इस तरह से बेंच पर खड़ा होना संसदीय परंपरा का अपमान है।''
- ''ऐसा लग रहा है कि विजेंदर गुप्ता दिल्ली नगर निगम पर चर्चा नहीं होने देना चाहते।''
बीजेपी एमएलए ने क्या कहा?

- सदन में बेंच पर चढ़ने पर विजेंदर गुप्ता ने कोई अफसोस नहीं जताया। 
- उन्होंने कहा, ''सरकार गरीबों का पानी पी रही है। 400 करोड़ का घपला हुआ है।''
- ''सदन के अंदर हम कह रहे हैं क्यों नहीं एफआईआर कराई। एमसीडी को क्यों नहीं दिया। एमसीडी जांच नहीं कराती तो कहते।''
- ''पहले वे फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट दें। जिसमें घोटाले के दस्तावेज हैं वे उसे एक साल तक लेकर बैठे रहे।''
- ''जब सदन में हम पूछ रहे हैं तो हम पर राजनीति का आरोप लगा रहे हैं।''
- ''क्या उन्होंने एफआईआर कराई? करप्शन को दबा कर बैठ गए।''
- ''करप्शन का मामला उठा रहे हैं तो राजनीति कर रहे हैं।''
- ''इनकी पत्नी भी इनकम टैक्स में काम करती है। उनकी भी जांच होनी चाहिए। क्या वे जांच कराएंगे?''