शुक्रवार, 24 जून 2016

कैमरन बोले, BRIEXIT नतीजों का करूंगा सम्मान, शरद से पूर्व दूंगा इस्तीफा

लंदन। ब्रिटेन के यूरोपीय संघ (ईयू) में बने रहने या इससे बाहर निकलने को लेकर कराए गए जनमत संग्रह के नतीजे आने के बाद प्रधानमंत्री डेविट कैमरन ने अपना इस्ताफा देने की घोषणा कर दी है। उन्होंने कहा कि वह शरद ऋतु से पहले इस्तीफा दे देंगे। पीएम ने कहा कि उन्होंने पद पर रहते हुए जो किया है, उस पर उन्हें गर्व है। हालांकि उन्होंने कहा कि यह जनमत संग्रह उनके लिए नहीं था, लेकिन इसका डटकर सामना किया। कैमरन ने कहा कि ब्रिटिश जनता ने दूसरा पथ चुना है और इसके लिए उन्हें नया प्रधानमंत्री चाहिए।
बता दें कि इस मुद्दे पर गुरुवार को हुए मतदान की शुक्रवार को गिनती हुई, जिसमें 52 फीसदी जनता ने ‘ब्रेक्सिट’ के पक्ष में फैसला दिया है। ‘रिमेन’ (ईयू सदस्य बने रहने) अभियान के पक्ष में 15,692,092 वोट पड़े, जबकि ‘लीव’ (ईयू से बाहर आने) के पक्ष में इससे 6,835,512 अधिक वोट पड़े।
कैनरन ने कहा, मैं आने वाले हफ्तों और महीनों में सब कुछ करूंगा, लेकिन सोचता हूं कि अगले गंतव्य के लिए मुझे कैप्टन नहीं रहना चाहिए। यह फैसला कोई हल्के में नहीं लिया गया है। मैं मानता हूं कि यह समय नए नेतृत्व के लिए ठीक है। यहां कोई सटीक समय देने की जरूरत नहीं है, लेकिन नए प्रधानमंत्री का चुनाव अक्टूबर महीने में कंजरवेटिव पार्टी की कॉन्फ्रेंस में हो जाएगा।
कैमरन ने कहा कि वह दुनियाभर के लोगों को यह आश्वासन देना चाहते हैं कि ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था मूलत: मजबूत है। जहां तक यूके में बसे यूरोपियन यूनियन के नागरिकों का सवाल है तो प्रधानमंत्री ने उन्हें साफ किया है कि उनकी स्थिति में फौरी तौर पर किसी तरह का बदलाव नहीं किया जाएगा। कैमरन ने कहा कि वह इस जहाज को स्थिर बनाए रखने की कोशिश करेंगे लेकिन अक्टूबर में इस देश को नया प्रधानमंत्री मिल जाएगा। उन्होंने कहा कि वह वह ‘कप्तान’ नहीं होंगे जो देश को लहरों से पार लगाएंगे।

ब्रेग्जिट पर नतीजे आने के बाद ही माना जा रहा था कि ब्रिटेन की जनता ने यूरोपियन यूनियन पर हुए जनमत संग्रह में जो फैसला दिया है, उससे प्रधानमंत्री डेविट कैमरन का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा। नतीजे से खुश ईयू से अलग होने के पक्ष में पिछले बीस वर्षों से आंदोलन चला रहे यूकेआईपी नेता नाइजल फेराज ने कहा था कि कैमरन को तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए। दूसरी तरफ मुख्य विपक्षी लेबर पार्टी ने भी कहा था कि कैमरन को अपने पद को लेकर विचार करना चाहिए।
यदि ब्रिटेन के लोग यूरोपीय संघ में रहने के पक्ष में मतदान करते तो यह कैमरन के लिए बड़ी जीत होती। कैमरन ताकतवर नेता के तौर पर उभरते। हालांकि दूसरी तरफ उनकी पार्टी में पद छोडऩे की आशंकाओं को देखते हुए 80 से ज्यादा कंजरवेटिव सांसदों ने हस्ताक्षर कर कैमरन के पास पत्र भेजा था, जिसमें उन्होंने आग्रह किया था कि नतीजे चाहे जो भी आएं, वह पीएम की कुर्सी पर बने रहें। लेकिन ईयू से हटने के फैसले से सबसे ज्यादा झटका ब्रिटेन की करंसी पाउंड को लगा है। पाउंड 1985 के बाद सबसे निचले स्तर पर आ गया। ऐसे में कैमरन पर भारी दबाव था।

फेराज नतीजे आने के बाद सबसे पहले कहा कि उन्हें इस्तीफा देना चाहिए। हालांकि लेबर पार्टी के शैडो फॉरन सेक्रेटरी हिलेरी बेन ने कहा था कि उन्हें पता नहीं कि कैमरन पीएम पद पर कब तक बने रहेंगे। उन्होंने कहा, आप प्रधानमंत्री हैं। आपने ही जनमत संग्रह कराया और आपकी प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी। आपने ईयू में रहने के पक्ष में तर्क दिया था, ऐसे में आपके लिए पद पर रहना आसान नहीं है।
प्रधानमंत्री ऑफिस के पूर्व सहयोगी एंडी कोल्सन ने कहा था कि उन्हें कैमरन के इस्तीफे पर संदेह है। उन्होंने कहा, बड़ी संख्या में लोग उनसे पद पर बने रहने की अपील कर रहे हैं। मसला यह है कि हमारे नेतृत्व को क्या करना चाहिए। यह समय नौसिखिए का नहीं है, लेकिन मुझे इस पर संदेह है कि कैमरन इस्तीफा पर विचार कर रहे हैं। यूकेआईपी सांसद डगलस कार्सवेल ने अपने पार्टी नेताओं की आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि कैमरन से इस्तीफे की मांग नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा था कि अच्चा होगा कि हम नाइजल को कुछ हफ्तों या महीनों तक नहीं सुनें। उन्होंने कहा था, हमारे लिए मुश्किल वक्त है। हमें थोड़ी गंभीरता दिखाते हुए राष्ट्रीय हित के बारे में सोचना चाहिए। डेविट कैमरन प्रधानमंत्री हैं और वह प्रधानमंत्री रहेंगे। ब्रेग्जिट का समर्थन करने वाले कंजरवेटिव सांसद एंड्र्यू ब्रिडेन ने भी कहा था कि यदि कैमरन इस्तीफा देते हैं, तो यह देश के हित में नहीं होगा। उन्होंने कहा था कि इस हालत में हमें प्रधानमंत्री पर भरोसा करना चाहिए।

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