बुधवार, 15 जून 2016

‘उड़ता पंजाब’ का विरोध जारी, फिल्म के खिलाफ एक NGO ने SC में दायर की याचिका

नई दिल्ली. फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ को लेकर विवाद अभी थमा नहीं है। अब पंजाब बेस्ड एक एनजीओ ने हाईकोर्ट के फैसले पर स्टे लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। 13 जून को बॉम्बे हाईकोर्ट फ़िल्म को ग्रीन सिग्नल दे चुका है। फिल्म 17 जून को रिलीज होने जा रही है। एनजीओ ने की SC से जल्दी सुनवाई की मांग...
 
 
 
- जालंधर के ह्यूमन राइट्स अवेयरनेस नाम के एनजीओ ने कहा है कि हाईकोर्ट फिल्म हटाने वाले सीन या डॉयलॉग पर फैसला नहीं कर सकता।
- एनजीओ का कहना है कि फिल्म में पंजाब को गलत तरीके से पेश किया गया है।
- एनजीओ के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि उनकी दलीलों को जल्द सुना जाए, क्योंकि फिल्म इसी शुक्रवार को रिलीज़ होने जा रही है।
- सुप्रीम कोर्ट ने पिटिशनर को कागज़ी कार्यवाही पूरी करने के लिए कहा है, जिसके बाद वह फैसला करेगी कि मामला सुनवाई के लिए लेना है या नहीं।
 
बॉम्बे HC ने 1 कट और 3 डिस्क्लेमर के साथ दी थी फिल्म को मंजूरी
 
बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को फैसला सुनाते हुए फिल्म के प्रोड्यूसर्स से मूवी में एक सीन कट करने और तीन डिस्क्लेमर दिखाने को कहा है।
फिल्म में टॉमी सिंह (शाहिद कपूर) के एक सीन को हटाने के लिए कहा गया है। इसमें वे पब्लिक प्लेस पर यूरीन करते नजर आते हैं।
 
3 डिस्क्लेमर लगेंगे
 
पहला- हम ड्रग्स का यूज प्रमोट नहीं करते।
दूसरा- खराब शब्द सिर्फ हकीकत बयां करने के लिए हैं, प्रमोट करने के लिए नहीं।
- तीसरा- यह मूवी किसी राज्य की छवि खराब करने के लिए नहीं है।
 
HC ने लगाई थी सेंसर बोर्ड को फटकार
 
- बॉम्बे हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा था - "हमने यह देखने के लिए फिल्म की पूरी स्क्रिप्ट पढ़ी है कि कहीं ड्रग्स को एनकरेज तो नहीं किया गया। "
- "हमें यह नहीं मिला कि फिल्म में शहरों के नामों के जरिए भारत की सॉवर्निटी या इंटीग्रिटी पर पर सवाल खड़े किए हैं।" बता दें कि सेंसर बोर्ड ने फिल्म में आठ शहरों के साइनबोर्ड पर आपत्ति जताते हुए फिल्ममेकर्स से इन्हें हटाने के लिए कहा था।
- "जब तक क्रिएटिव फ्रीडम का गलत इस्तेमाल न हो, किसी को दखल नहीं देना चाहिए।"
- "बोर्ड में 'सेंसर' शब्द का जिक्र नहीं है। बोर्ड को भारत के संविधान और सुप्रीम कोर्ट के डायरेक्शन के तहत ही अपने पावर का इस्तेमाल करना चाहिए।"
 
क्यों है फिल्म पर विवाद?
 
- आशंका है कि फिल्म का असर 2017 के पंजाब असेंबली इलेक्शन पर हो सकता है।
- कई पार्टियां ड्रग्स को चुनावी मुद्दा बनाने की तैयारी में हैं। दरअसल, फिल्म के क्लाइमेक्स में एक लोकल नेता चुनाव जीतने के लिए अपने मेनिफेस्टो के साथ ड्रग्स के पैकेट बांटता है।
- ड्रग्स को किस तरह दो-तीन प्रोडक्ट्स के साथ मिलाकर बनाते हैं और फैक्ट्री में यह कैसे बनती है, इसकी पूरी डिटेल फिल्म में है। यह भी बताया गया है कि किस तरह से ड्रग फैक्ट्रियां ऑपरेट हो रही हैं।
- फिल्म में शाहिद कपूर ड्रग एडिक्ट पॉप सिंगर बने हैं और अपने गानों में ड्रग्स के बारे में बताते हैं।
- फिल्म में आलिया भट्ट भी ड्रग एडिक्ट के कैरेक्टर में हैं।

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