शुक्रवार, 18 मार्च 2016

जाट आरक्षणः जाट नेताओं से बात करेगी सरकार, सुरक्षा कड़ी



जाट आरक्षणः जाट नेताओं से बात करेगी सरकार, सुरक्षा कड़ी




नई दिल्ली। हरियाणा में जाट आरक्षण मुद्दा थमने का नाम नहीं ले रहा। जाट आरक्षण के मुद्दे को सुलझाने के लिए राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी शुक्रवार को जाट नेताओं से मिलेंगे। इस बीच जाटों का अल्टीमेटम खत्म हो गया है लेकिन अब तक इस पर कोई फैसला नहीं आया है। पिछली बार की तरह इस बार जाट आरक्षण की आग पूरे राज्य में न फैले इसके लिए प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है। जींद के संवेदनशील इलाकों में लगों को एक समूह में जमा होने पर पाबंदी लगा दी गई है। गुरुवार को सेना ने फ्लैग मार्च भी किया। अधिकारियों का कहना है कि ज़रूरत पड़ी तो इंटरनेट और मोबाइल सेवा बैन की जा सकती है।



जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने 17 मार्च यानी कल तक 10 फीसदी आरक्षण का बिल हरियाणा विधानसभा से पास कराकर केंद्र को भेजने को कहा था, लेकिन अभी तक बिल पास नहीं हुआ है।



पिछली बार की तरह हालात न हों: नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह और हरियाणा के मुख्यमंत्री खट्टर को आगाह किया है कि इस बार पिछली बार की तरह हालात न होने दें। पिछले महीने जाट आंदोलन के दौरान भड़की हिंसा ने राज्य की रफ्तार को रोक दिया था और 30 लोग मारे गये थे।



अर्धसैनिक बलों की 80 कंपनियां राज्य में तैनात

केंद्र सरकार ने अर्धसैनिक बलों की 80 कंपनियां (करीब 800 जवानों को) राज्य में भेजा है जिन्हें रोहतक तथा झज्जर जिलों जैसे संवेदनशील इलाकों में तैनात किया जा रहा है। पिछले महीने आंदोलन में ये जिले सबसे बुरी तरह प्रभावित हुए थे।



जाट आरक्षण विधेयक किसी भी दिन लाया जा सकता है

अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा कि सरकार ने हमें चंडीगढ़ में बातचीत के लिए आमंत्रित किया है। उनसे मिलने तक हम अपना आंदोलन फिर से शुरू नहीं करेंगे। शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक के बाद आगे की कार्रवाई के बारे में निर्णय किया जाएगा। वहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि जाट आरक्षण विधेयक विधानसभा के मौजूदा सत्र में किसी भी दिन लाया जा सकता है।



सुरक्षा के कड़े इंतजाम

रोहतक रेंज के पुलिस महानिरीक्षक संजय कुमार ने कहा, हमें पहले ही अर्धसैनिक बल मिल चुका है। पुलिस अलर्ट पर है और हम सभी इंतजाम (कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए) कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि संवेदनशील क्षेत्रों और रोहतक के आसपास तैनाती के लिए राज्य के भीतर से भी अतिरिक्त पुलिस बल की व्यवस्था की गई है।

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