शुक्रवार, 15 जुलाई 2016

3 लाख से अधिक के नकदी लेनदेन पर पाबंदी की सिफारिश

नयी दिल्ली। कालाधन पर बने विशेष जांच दल-एसआईटी ने तीन लाख रूपये से ज्यादा की नकद लेनदेन को पूरी तरह प्रतिबंधित करने तथा नकदी रखने की अधिकतम सीमा 15 लाख रूपये तय करने की सिफारिश की है।  

एसआईटी ने सुप्रीमकोर्ट में सौंपी अपनी पांचवीं रिपोर्ट में कहा है कि बडी मात्रा में अघोषित संपत्ति नकद में रखी और ली-दी जाती है। विभिन्न देशों में इस संबंध में मौजूदा प्रावधानों तथा विभिन्न रिपोटों के मद्देनजर और नकद लेनदेन पर अदालतों की टिप्पणियों को देखते हुये एसआईटी को लगता है कि नकद लेनदेन की अधिकतम सीमा तय किये जाने की जरूरत है।

रिटायर्ड जस्टिस एम बी शाह के नेतृत्व में काले धन पर अंकुश लगाने के लिए गठित एसआईटी की रिपोर्ट में कहा गया कि इस तरह की एकत्र की गई अघोषित संपत्ति की अधिकांश मात्रा नकद के रूप में इस्तेमाल की जाती है। 

इस संबंध में एक आधिकारिक बयान में कहा गया, कई देशों में इस तरह के प्रावधानों के अस्तित्व में होने और कोर्ट की विभिन्न रिपोटों और विश्लेषण को ध्यान में रखते हुए एसआईटी ने यह महसूस किया कि वित्तीय लेनदेन की अधिकतम सीमा निर्धारित करने की जरूरत है। ऎसे में एसआईटी तीन लाख रूपये से अधिक के नकदी लेनदेन पर पूर्ण प्रतिबंध की सिफारिश करती है और ऎसे लेनदेन को अवैध घोषित किए जाने और कानून के अंतर्गत दंडनीय बनाने के लिए कानून बनाए जाने की जरूरत पर बल देती है। 

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