शनिवार, 2 जुलाई 2016

उत्तराखंड में बादल फटे,भारी तबाही, नदियां उफनी,30 लोगों की मौत

उत्तराखंड में बादल फटे,भारी तबाही, नदियां उफनी,30 लोगों की मौत 

देहरादून/नैनीताल। उत्तराखंड में गुरुवार रात से हो रही बारिश और बादल फटने से जानमाल का भारी नुकसान हुआ है। चमोली और पिथौरागढ़ जिलों में कई जगह बादल फटे हैं। इसके चलते अलकनंदा, सरयू और मंदाकिनी समेत करीब 10 नदियां खतरे के निशान के आसपास बह रही हैं। बादल फटने से कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई है। नदियों में आए उफान से कई लोग, मकान और जानवर बह गए हैं। ऋषिकेश-बद्रीनाथ नेशनल हाइवे (एनएच-58) भी जगह-जगह मलबा आने से बंद हो गया है। यमुनोत्री, केदारनाथ के रास्ते पर भी हजारों लोग फंसे हैं। बाढ़ और बारिश से प्रभावित इलाकों में बचाव दल भेजे गए हैं।
केंद्र ने मूसलाधार बारिश और भूस्खलन से प्रभावित उत्तराखंड में आज राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के बचाव दल भेजने और पहाड़ी राज्य को हर जरूरी मदद उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया है। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री हरीश रावत से फोन पर बात की और पिथौरागढ़ एवं चमोली जिलों में बादल फटने और भारी बारिश के कारण पैदा हुई स्थिति का जायजा लिया। राजनाथ  ने रावत को इस स्थिति से निपटने के लिए हर संभव मदद उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया।

पिछले 24 घंटों में 54 मिमी बारिश होने से पहाड़ी राज्य की सभी नदियां और नाले उफान पर हैं। मौसम विभाग ने अगले 72 घंटों में नैनीताल, उधमसिंह नगर और चंपावत में भी भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। बारिश से हुए भूस्खलन से यमुनोत्री हाइवे को नुकसान पहुंचा है। गंगोलगांव में भूस्खलन के बाद केदारनाथ हाइवे पर भारी वाहनों की एंट्री रोक दी गई है। पिथौरागढ़ में थल-मुनस्यारी रोड भी जाम हो गया है और सैकड़ों वाहन फंसे हुए हैं। बद्रीनाथ से गौचर के बीच में करीब तीन हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रोका गया है।
मौसम केंद्र द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में, नैनीताल, उधमसिंहनगर, चंपावत, अल्मोडा, पौडी, हरिद्वार, देहरादून और टिहरी जिलों में कल सुबह से 72 घंटों के दौरान कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश तथा अन्य पांच जिलों में छिटपुट स्थानों पर भारी बारिश की चेतावनी दी गयी है।आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, मौसम विभाग की इस चेतावनी के मद्देनजर संबंधित जिला प्रशासन को मुस्तैद रहने के निर्देश जारी कर दिये गये हैं।

बारिश से चमोली और पिथौरागढ़ जिले में भारी तबाही हुई है। पिथौरागढ़ जिले के बतसड़ी, सिगली और नोल्डा में बादल फटने की जानकारी है। इससे कई घर भी गिर गए हैं। घायलों और लापता लोगों के लिए बचाव अभियान जारी है। सीएम हरीश रावत ने कहा है कि आपदा प्रबंधन टीमों को घटनास्थलों पर भेजा गया है। उन्होंने कहा कि भारी बारिश और इससे नुकसान को लेकर पहले से अलर्ट जारी कर दिया गया था। 

पिथौरागढ़ से 50 किमी दूर बसतड़ी में बादल फटा है। यहां पर काफी नुकसान होने की आशंका है। राज्य आपदा प्रबंधन के मुताबिक यहां कम से कम 20 लोग लापता हैं। वहीं, चमोली के गोपेश्वर में मंदाकिनी नदी के पास भी बादल फटने से कई घर बह गए हैं और कई के बहने का खतरा बना हुआ है। चमोली में घाट ब्लॉक के जाखड़ी गांव में बादल फटने के बाद गांव के पांच लोग लापता हैं। दसोली ब्लॉक के सिरों गांव से जाने वाले नाले में उफान आने से दो लोग बह गए हैं।

गौलड़ा इलाके में भूस्खलन में एक ही परिवार के तीन लोगों के दबे होने की आशंका है। टोपराधार दाफिला में दो मकान गिरने से तीन जानवर मलबे में दबकर मर गए हैं। धारचुला इलाके में तीन और जौलजीबी में दो पुलों के बहने की खबर है। मसूरी से थाल जान वाले रास्ते पर भी सैकड़ों वाहन फंसे हैं। केदारनाथ और यमुनोत्री हाईवे पर भी हजारों लोग फंसे हैं। चमोली में बीते 24 घंटों में 54 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। पुलिस के साथ रेस्क्यू टीमें मलबा हटाने में लगी हुई हैं। कई हाईवे पर लंबा जाम लगा है। जानकारी के मुताबिक रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी का जलस्तर बढक़र 622.350 मीटर तक पहुंच गया है। अलकनंदा और मंदाकिनी नदियां अपने उफान पर है। राज्य में बीएसएनल की संचार सेवा भी ठप हो गई है।

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