सोमवार, 18 जुलाई 2016

संसद का मानसून सत्र शुरू, मोदी की अपील- सदन चलने दे विपक्ष

नई दिल्ली। संसद का मॉनसून सत्र सोमवार से शुरू हो गया है। 12 अगस्त तक चलने वाले इस सत्र में सरकार को जीएसटी समेत कई अहम बिल पास होने की उम्मीद है, वहीं विपक्ष अरुणाचल प्रदेश और कश्मीर से लेकर पीएम के विदेश दौरे तक सरकार को घेरने के लिए कमर कस चुकी है। हालांकि, सत्र के दौरान हंगामा न हो बल्कि कामकाज हो, इसके लिए सरकार ने विपक्ष को मनाने की कोशिश भी की। सबसे पहले पीमए मोदी ने कैबिनेट में शामिल किए गए नए मंत्रियों से सांसदों का परिचय कराया। इसके बाद मध्य प्रदेश के शहडोल से सांसद दलपत सिंह परस्ते को श्रद्धांजलि दी गई। लोकसभा की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित। नए राज्यसभा सदस्यों ने शपथ ग्रहण की।

रविवार को इसे लेकर हुई सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी ने विपक्ष से जीएसटी सहित सभी मुद्दों पर सहयोग मांगा। हालांकि कांग्रेस ने साफ कर दिया कि वह अरुणाचल, महंगाई जैसे मुद्दे उठाएगी। सोमवार सुबह पीएम मोदी संसद पहुंचे और सहयोग की उम्मीद जताई। मोदी ने सबको नमस्कार कहने के बाद कहा कि यह 15 अगस्त देश की आजदी के 70वीं साल का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है और उससे पहले यह सत्र हो रहा है। इसलिए आजादी के लिए जीवन न्योछावर करने वाले सभी महापुरुषों को याद करते हुए इस सत्र में देश को एक नई उंचाई और गति देने के लिए बहुत ही अच्छी चर्चा हो। इसके लिए सब मिलकर, कंधे से कंधा मिलाकर देश को दिशा देने का काम हो। मुझे विश्वास है कि सभी दल, सभी से जो अलग अलग बात हो रही है, मिलकर बात हो रही है, उससे ये ही भाव प्रकट हो रहा है कि सबका मूड अच्छे से अच्छे निर्णय करने का है।
सत्र से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठक की, वहीं सरकार ने सर्वदलीय बैठक भी बुलाकर विपक्ष का सहयोग मांगा। सरकार का मानना है कि देश हित में संसद का चलना जरूरी है। रविवार को सत्र से पहले लोकसभा स्पीकर सुमित्री महाजन के घर डिनर पार्टी में पीएम मोदी और उनके मंत्रियों के साथ विपक्षी दलों के नेताओं की भी मौजूदगी दिखी।

जीएसटी जैसे मुद्दों पर विपक्ष को जवाब देने के लिए भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की भी आज बैठक होगी। उसके बाद राजग नेताओं की भी बैठक होनी है। इसके अलावा सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस सांसदों के साथ सोनिया और राहुल की भी बैठक होगी। बहरहाल, आज से शुरू हो रहे मॉनसून सत्र के हंगामेदार होने के आसार हैं। कांग्रेस ने अरुणाचल और उत्तराखंड के साथ-साथ विदेश नीति समेत कई और मुद्दों पर सरकार को घेरने की आक्रामक रणनीति बनाई है। हालांकि मध्य प्रदेश से भाजपा सांसद दलपत सिंह परास्ते के निधन के कारण लोकसभा सोमवार को दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई है।
इससे पहले कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के मॉनसून सत्र की शुरुआत से पहले लंबे समय से लंबित वस्तु एवं सेवाकर विधेयक (जीएसटी) पर विपक्ष के समर्थन की अपील की। उन्होंने कहा कि यह कोई मुद्दा नहीं है कि किस सरकार को इसका श्रेय मिलेगा। कांग्रेस ने अभी इस पर कोई आश्वासन नहीं दिया है। उसका कहना है कि वह विधेयकों का समर्थन उसका गुण-दोष परख कर करेगी। प्रधानमंत्री ने राजनीतिक दलों से आग्रह किया कि वे राष्ट्रीय हित को सबसे ऊपर रखें। उन्होंने संसद सत्र का समय बढ़ाने पर भी सुझाव मांगा। मोदी ने सरकार द्वारा आहूत सर्वदलीय बैठक में कहा कि जीएसटी सहित महत्वपूर्ण विधेयक सोमवार से शुरू हो रहे मॉनसून सत्र के दौरान पेश किए जाने वाले हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि सत्र के दौरान सार्थक चर्चा होगी और परिणाम आएंगे। जीएसटी का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि मुद्दा यह नहीं है कि इस विधेयक को पेश करने का श्रेय किस सरकार को मिलेगा, बल्कि विधेयक को पारित करने का है। जीएसटी सहित अन्य महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने का आग्रह करते हुए मोदी ने कहा कि हम जनता और पार्टी दोनों का प्रतिनिधत्व करते हैं और राष्ट्र हित को किसी भी और चीज से ऊपर रखने की आवश्यकता है।
कांग्रेस ने कहा है कि पार्टी संसद में वैसे किसी भी विधेयक का समर्थन करेगी जो राष्ट्रहित में हो, लेकिन कोई भरोसा नहीं दिया है। जीएसटी के मुद्दे पर लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, सर्वदलीय बैठक में जीएसटी मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई। जीएसटी के मामले में सरकार को कांग्रेस पार्टी की तीन मांगों पर अब भी जवाब देना है। इस बारे में रुक-रुक कर चर्चा हुई, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला है। तीन मांगें हैं- एक फीसदी अतिरिक्त लेवी जिसे राज्यों को लागू करना, जीएसटी की अधिकतम सीमा 18 प्रतिशत रखना और विवाद निवारण तंत्र की व्यवस्था करना। उन्होंने कहा कि हम लोग इन मुद्दों पर सरकार की ओर से ठोस जवाब का अब भी इंतजार कर रहे हैं। यह देश की जनता को बिल्कुल स्पष्ट है कि सरकार अड़ी हुई है।

सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस संसद में महंगाई, बेरोजगारी, राज्यों के मामलों में केंद्र सरकार के हस्तक्षेप और कैराना जैसी घटनाओं को उठाएगी। पार्टी के वरिष्ठ सहयोगी एवं राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने इस बैठक से पहले कहा कि संसद के मॉनसून सत्र में कांग्रेस किसी विधेयक को पारित होने में बाधक नहीं बनेगी और वह उस किसी भी विधेयक का समर्थन करेगी जो राष्ट्र, जनता और विकास के हित में होगा। उन्होंने कहा कि हम लोग योग्यता के आधार पर विधेयक को पारित होने देंगे। हम लोग विधेयकों को पारित होने देने में बाधक नहीं बनते। हालांकि उन्होंने लंबे समय से लटके जीएसटी विधेय पर पार्टी का रुख स्पष्ट नहीं किया। सरकार की प्राथमिकता में यह विधेयक शीर्ष पर है
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस जम्मू एवं कश्मीर के हालात का मुद्दा उठाएगी। उन्होंने विपक्षी दलों की राज्य सरकारों पर निशाना साधने को लेकर केंद्र की आलोचना की। कांग्रेस नेता आजाद ने कहा है कि जम्मू एवं कश्मीर की स्थिति बहुत गंभीर मुद्दा है। संसद में इस पर हर हाल में चर्चा होनी चाहिए और सरकार को इसके लिए जवाबदेह होना चाहिए। माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि जीएसटी के मुद्दे का हल सिर्फ कांग्रेस और भाजपा के बीच नहीं निपट सकता। 

उन्होंने कहा कि जहां तक जीएसटी विधेयक की बात है, यह ऐसा मुद्दा नहीं है जिसे भाजपा और कांग्रेस आपस में सुलझा लें। मैं दो साल से सरकार से कह रहा हूं कि जीएसटी पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाएं और आम सहमति बनाने के लिए हमारी चिंताएं सुनें।
जीएसटी विधेयक पारित कराने को इच्छुक सरकार ने विपक्षी दलों के नेताओं से सिलसिलेवार ढंग से कई बैठकें की हैं। इनमें वित्तमंत्री अरुण जेटली की आजाद और राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता आनंद शर्मा से गुरुवार को हुई बातचीत भी शामिल है। अनंत कुमार के नए संसदीय कार्यमंत्री बनने के बाद यह संसद का पहला सत्र है। भाजपा के वरिष्ठ नेता अनंत कुमार को अपने प्रबंधन कौशल और विपक्ष के कई नेताओं के साथ अच्छे रिश्ते के लिए जाना जाता है। 

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