शनिवार, 9 जुलाई 2016

जाकिर नाइक पर बड़े पैमाने पर शिकंजे की तैयारी, NGO को फंडिंग की जांच शुरू

नई दिल्ली। विवादित इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक पर केंद्र की ओर से शुरू की गई छानबीन का शिकंजा कसता जा रहा है। नाइक के एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) को विदेशों से मिलने वाले धन की जांच के साथ-साथ उनके उन व्याख्यानों की सीडी की भी जांच शुरू कर दी गई, जिनसे ढाका आतंकवादी हमले के कुछ हमलावर कथित तौर पर प्रेरित हुए थे। 

सूत्रों की मानें तो नाइक पर एनआईए एफआईआर भी दर्ज कर सकती है। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी शुक्रवार को कहा था कि हमने नाइक की स्पीच को संज्ञान में लिया है और जांच का आदेश दिया है। नाइक की स्पीच की सीडी जांच के लिए मंगवाई गई है।

माना जा रहा है कि केबल टेलिविजन से पीस टीवी को अलग किया जाएगा और जाकिर नाइक के इस्लामिक फाउंडेशन को मिलने वाले विदेशी फंड की भी सरकार समीक्षा करने जा रही है। केंद्र ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है जब महाराष्ट्र सरकार ने 50 साल के इस्लामी धर्म प्रचारक के उन व्याख्यानों की जांच के आदेश दिए हैं जिन पर विवाद पैदा हुआ है

आपको बता दें कि नाइक हमेशा से सुरक्षा बलों के रेडार पर रहे हैं। नाइक हाल ही में बांग्लादेश की राजधानी ढाका के एक कैफे में हुए आतंकी हमले के बाद फिर से विवादों में आए हैं। बांग्लादेश अथॉरिटी ने इस हमले का कनेक्शन नाइक से भी जोड़ा था। अथॉरिटी का कहना था कि नाइक की स्पीच से आतंकी प्रेरित थे। इस हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली थी। इस आतंकी हमले में 19 साल की एक भारतीय लडक़ी समेत 20 लोग मारे गए थे।

इधर, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने डायरेक्ट केबल ऑपरेटर्स से नाइक के पीस टीवी को ब्लैक आउट करने का फैसला लिया है। हालांकि, इसका लाइसेंस इंडिया में नहीं है और इसे दुबई से अपलिंक किया गया है। पीसी टीवी कई देशों में बैन है। आईबी मिनिस्ट्री की मीटिंग में गृह मंत्रालय, इंटेलिजेंस एजेंसी और एनआईए के प्रतिनिधि भी शामिल हुए थे। देश में पीस टीवी को रोकने के लिए सभी विकल्पों पर विचार किया गया। अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक जिनके लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं, जिनमें पीस टीवी भी शामिल है उनके प्रसारण करने के खिलाफ केबल और मल्टी-सिस्टम ऑपरेटर्स के खिलाफ कड़ा कदम उठाया जाएगा। 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें