गुरुवार, 4 अगस्त 2016

16 साल बाद GST पर कानून बनने का रास्ता साफ

16 साल बाद GST पर कानून बनने का रास्ता साफ, राज्यसभा में वोटिंग के बाद बिल पास; मोदी ने सभी पार्टी के नेताओं को कहा- थैंक्स


नई दिल्ली.GST बिल बुधवार को राज्यसभा में पास हो गया। 16 साल बाद अब GST पर कानून बनेगा। बिल के सपोर्ट में राज्यसभा में 197 मेंबर्स ने वोट किया। वोटिंग से पहले सिर्फ AIADMK ने वॉक आउट किया। बिल पर करीब 8 घंटे चर्चा हुई। अरुण जेटली ने बिल पेश करते हुए कहा कि ये अब तक का सबसे बड़ा टैक्स रिफॉर्म है। पीएम ने ट्वीट कर सभी पार्टियों के नेताओं को थैंक्स कहा। बता दें क सरकार इसे 1 अप्रैल तक लागू करना चाहती है। लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि पूरी प्रॉसेस में अक्टूबर 2017 तक का वक्त लगेगा क्योंकि लोकसभा और आधे राज्यों से मंजूरी, तीन तरह कानून जैसी 6 बातों पर बिल का आगे का रास्ता टिका है। चिदंबरम ने कहा- रेट 18% से ज्यादा नहीं बढ़ाया जाए...
- बता दें कि 16 साल पहले वाजपेयी सरकार ने जिस गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (GST) विधेयक की नींव रखी थी, उसके संसद से पास होने का इंतजार नौ साल से हाे रहा था।
- 20 तरह के इनडायरेक्ट टैक्स खत्म कर 'एक देश, एक टैक्स' की थीम पर बने जीएसटी बिल में सरकार ने 9 बदलाव किए।
सरकार का दावा- 1 अप्रैल 2017 से लागू, एक्सपर्ट बोले- अक्टूबर 17 से पहले मुमकिन नहीं
1# अब फिर लोकसभा :राज्यसभा से पास बिल लोकसभा में पारित बिल से अलग है। बदलावों पर मंजूरी के लिए इसे दोबारा लोकसभा से पास कराना होगा।
2# आधे राज्यों की मंजूरी :यह संविधान संशोधन है। इसलिए फाइनल ड्राफ्ट राज्यों को भेजा जाएगा। 29 में से आधे यानी 15 राज्यों की विधानसभा में मंजूरी जरूरी है। अभी 14 राज्यों में बीजेपी और सहयोगियों की और 7 में कांग्रेस की सरकार है। 
3# फिर राष्ट्रपति :बिल राष्ट्रपति के पास जाएगा। मुहर लगाते ही संविधान संशोधन हो जाएगा। 
4# तब जीएसटी काउंसिल बनेगी:इसमें राज्य और केंद्र के प्रतिनिधि होंगे। काउंसिल जीएसटी की दर सहित अन्य मुद्दों को अंतिम रूप देगी। 
5# इसके बाद तीन कानून बनेंगे :इसी के आधार पर जीएसटी लागू करने के लिए जरूरी तीन कानून बनाए जाएंगे। इनमें से दो सीजीएसटी और आईजीएसटी के लिए केंद्र कानून बनाएगा। वहीं एसजीएसटी के लिए सभी राज्य अलग-अलग कानून बनाएंगे। इसके साथ ही कानूनी प्रक्रिया पूरी होगी। 
6# आईटी सेटअप और अधिकारियों को ट्रेनिंग :इसके बाद कारोबारियों को सिस्टम समझाने की व्यवस्था करनी होगी। केंद्र का दावा है कि 1 अप्रैल 2017 से जीएसटी लागू होगा। पर विशेषज्ञ मान रहे अक्टूबर से पहले से यह मुमकिन नहीं है।
चिदंबरम ने क्या कहा?
- यूपीए सरकार में फाइनेंस मिनिस्टर रहे पी चिदंबरम ने जेटली के बाद इस बहस में हिस्सा लिया।
- चिदंबरम ने कहा, ''हमारी पार्टी इस बिल को सपोर्ट करेगी, लेकिन स्टैंडर्ड रेट 18% से ज्यादा नहीं बढ़ाया जाए। हमने (कांग्रेस) कोशिश की थी। मुख्य विपक्ष को साथ रखते हुए, लेकिन हम फेल हो गए।''
- ''अब सरकार 18 महीने से कोशिश कर रही थी, लेकिन वे भी फेल रहे थे। यह एक सीरियस डिबेट की शुरुआत होगी। आपलोगों ने मुख्य विपक्ष को इससे अलग रखा था।
- ''कांग्रेस ने जीएसटी के आइडिया का कभी विरोध नहीं किया। सबसे पहले 2011 में प्रणब मुखर्जी लेकर आए थे। बीजेपी ने अपोज किया था। 2014 में जब ये आया तो हमने कहा कि और परफेक्ट बिल चाहिए।''
- ''उम्मीद है कि फाइेंस मिनिस्टर जीएसटी नंबर के बल पर नहीं, बल्कि तर्कों के आधार पर पास करेंगे। यह बिल किसी केंद्रीय वित्त मंत्री या राज्य के वित्त मंत्री का मामला नहीं है। इसमें देश के लोगों की चिंता है।''
मोदी ने सभी पार्टियों को कहा- शुक्रिया
- बिल पास होने के बाद नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, ''राज्यसभा में जीएसटी बिल पास होने के एेतिहासिक मौके पर मैं सभी पार्टी के नेताओं और मेंबर्स को धन्यवाद देता हूं।''
- ''हमारे MPs इसके लिए धन्यवाद के पात्र हैं। उन्होंने 21वीं सेन्चुरी में भारत को एक इनडायरेक्ट टैक्स सिस्टम देने में अहम फैसला लिया।''
- ''जीएसटी को-ऑपरेटिव फेडरेलिज्म का सबसे अच्छा उदाहरण होगा। एक साथ मिलकर हम भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।''
- ''जीएसटी से मेक इन इंडिया को भी फायदा होगा। इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।''
जीएसटी पर किसने क्या कहा?

- कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा, ''आप (सरकार) जीएसटी बिल पर कानून में टैक्स दर तय करें।''
- ''जीएसटी जैसा बड़ा फैसला लोगों को जानबूझकर अंधेरे में रखकर नहीं लिया जाना चाहिए। जीएसटी दर का कानून में जरूर जिक्र हो और इसके बिना कोई टैक्स ना लगाया जाए, ना वसूला जाए।''
- AIADMK के नवनीत कृष्णन ने कहा, ''यह संविधान संशोधन विधेयक खुद असंवैधानिक है, क्योंकि यह राज्यों की वित्तीय आजादी का उल्लंघन है। इससे तमिलनाडु को रेवन्यू का नुकसान होगा। इसलिए हम इसका विरोध करते हैं।''
- शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा, ''अपना रेवन्यू बढ़ाने के लिए आपने (केंद्र) मुंबई का राजस्व खा लिया। वह आपके लिए मायानगरी होगी, लेकिन हमारे लिए मां है। अगर मुंबई भीख मांगने को मजबूर होगा, तो देश भी भिखारी बन जाएगा।''

बिल पास होने के बाद क्या होगा असर?
- एक्सपर्ट्स की मानें तो जीएसटी बिल पास होने के बाद देश में इनकम टैक्स सिस्टम और मजबूत बनाने की जरूरत होगी। टैक्स कलेक्टरों को भी ट्रेंड करना होगा।
- लुधियाना में रोमर वूलन मिल्स के हेड जीआर रल्हन का कहना है, 'जीएसटी को लेकर ज्यादा चिंता छोटी कंपनियों को है। उन्हें एडजस्ट करने के लिए अभी और वक्त
देना चाहिए।'
- 'जीएसटी की हाई रेट से भी बिजनेस पर असर पड़ सकता है।' 
- टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि देश की महज 20% फर्म्स (इसमें से ज्यादातर बड़ी हैं) ही जीएसटी के लिए तैयार हैं।
- जानकारों का ये भी कहना है कि जिन देशों में जीएसटी लागू हुआ था, वहां कुछ वक्त लिए इकोनॉमी स्लो हुई थी। हालांकि बाद में एक टैक्स होने के फायदे भी मिले थे।
GST बिल में क्या हुए हैं बड़े बदलाव?
- राज्यों को पांच साल तक नुकसान की केंद्र से 100 फीसदी भरपाई होगी। पहले 3 साल तक नुकसान की भरपाई की बात थी। इस पर राज्यों को एतराज था। 
- एक फीसदी एडिशनल मैन्‍युफैक्‍चरिंग टैक्स का प्रोविजन हटेगा। 
- जीएसटी पर केंद्र और राज्यों के बीच विवाद पर जीएसटी काउंसिल फैसला करेगी। इस काउंसिल में केंद्र और राज्य, दोनों के प्रतिनिधि होंगे।
- टैक्स का 15-15.5 फीसदी रेवेन्यू न्यूट्रल रेट (आरएनआर) और जीएसटी रेट पर 17-18 फीसदी कैप बाद में तय हो सकता है।
GST से आपको क्या मिलेगा...
सस्ते की चर्चा

लेन-देन पर वैट और सर्विस टैक्स नहीं:इसी तरह घर खरीदना हो या फिर ऐसी कोई दूसरी लेन-देन करनी हो, जहां वैट और सर्विस टैक्स दोनों लगते हैं, जीएसटी लगने के बाद ये सस्ता हो सकता है।
रेस्तरां का बिल भी कम होगा:रेस्तरां का बिल इसलिए कम होगा, क्योंकि अभी वैट (हर राज्यों के अलग-अलग) और 6% सर्विस टैक्स (बिल के 40% हिस्से पर 15%) दोनों लगता है। जीएसटी के तहत सिर्फ एक टैक्स लगेगा। 
कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सस्ते :एयरकंडीशनर, माइक्रोवेव ओवन, फ्रिज, वाॅशिंग मशीन सस्ती होगी। अभी 12.5% एक्साइज और 14.5% वैट लगता है। जीएसटी के बाद 18% टैक्स लगेगा। 
माल ढुलाई :20% सस्ती होगी। फायदा आम लोगों से लेकर लॉजिस्टिक्स इंडस्ट्री तक को। 
इंडस्ट्री :सबसे फायदे में, क्योंकि जीएसटी के बाद उन्हें करीब 18 टैक्स नहीं भरने होंगे। टैक्स भरने की प्रॉसेस भी आसान होगी।
महंगी चीजें
चाय-कॉफी :डिब्बाबंद फूड प्रोडक्ट 12% तक महंगे होंगे। चाय-कॉफी जैसे इन प्रोडक्ट्स पर अभी ड्यूटी नहीं लगती। अब 12% महंगे हो सकते हैं।
सर्विसेस :मोबाइल बिल, क्रेडिट कार्ड का बिल या फिर ऐसी अन्य सेवाएं सब महंगी होंगी। अभी सर्विसेस पर 15% टैक्स (14% सर्विस टैक्स, 0.5% स्वच्छ भारत सेस, 0.5% कृषि कल्याण सेस) लगता है। जीएसटी होने पर ये 18% हो सकता है। 
डिस्काउंट :अभी डिस्काउंट के बाद की कीमत पर टैक्स लगता है। जीएसटी में एमआरपी पर टैक्स लगेगा। कंपनी 10000 रुपए का सामान हमें 5000 रुपए में देती है तो अभी 600 रुपए टैक्स लगता है। पर जीएसटी के बाद 1200 रुपए टैक्स लगेगा। 
जेम्स एंड ज्वैलरी :जेम्स एंड ज्वैलरी महंगी हो सकती है। इस पर अभी 3% ड्यूटी लगती है। रेडिमेड गारमेंट भी महंगे हो सकते हैं, क्योंकि अभी इन पर 4-5% का स्टेट वैट लगता है। जीएसटी में इन पर कम से कम 12% टैक्स लगेगा।
DB Q&A : अब एक देश, एक टैक्स
1# आखिर क्या हो जाएगा जीएसटी से?
- जीएसटी यानी गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स। इसे केंद्र और राज्यों के 20 से ज्यादा इनडायरेक्ट टैक्स के बदले लगाया जा रहा है। जीएसटी के बाद एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स, एडिशनल कस्टम ड्यूटी, स्पेशल एडिशनल ड्यूटी ऑफ कस्टम, वैट/सेल्स टैक्स, सेंट्रल सेल्स टैक्स, मनोरंजन कर, ऑक्ट्रॉय एंड एंट्री टैक्स, लग्जरी जैसे टैक्स खत्म होंगे।
2# यानी इसके बाद सिर्फ एक टैक्स होगा?
- नहीं। जीएसटी में ही 3 तरह के टैक्स होंगे। 
- सीजीएसटी यानी सेंट्रल जीएसटी: इसे केंद्र सरकार वसूलेगी। 
- एसजीएसटी यानी स्टेट जीएसटी: इसे राज्य सरकार वसूलेगी। 
- आईजीएसटी यानी इंटिग्रेटेड जीएसटी: अगर कोई कारोबार दो राज्यों के बीच होगा तो उस पर यह टैक्स लगेगा। इसे केंद्र सरकार वसूलकर दोनों राज्यों में बराबर बांट देगी।
3# इससे मुझे यानी आम लोगों को क्या फायदा? 
- टैक्सों का जाल और रेट कम होगा:
अभी हम अलग-अलग सामान पर 30 से 35% टैक्स देते हैं। जीएसटी में 17 या 18% टैक्स लगेगा। 
- एक देश, एक टैक्स:सभी राज्यों में सभी सामान एक कीमत पर मिलेगा। अभी एक ही चीज दो राज्यों में अलग-अलग दाम पर बिकती है, क्योंकि राज्य अपने हिसाब से टैक्स लगाते हैं।
4# तो क्या अब मैं ज्यादा पैसे बचा सकूंगा?
- शुरू के 3 साल महंगाई बढ़ेगी। मलेशिया में 2015 में जीएसटी आने के बाद से महंगाई दर 2.5% तक बढ़ी है। अभी रोजमर्रा की सर्विसेस पर 15% सर्विस टैक्स देते हैं। अब 18% होगी। यानी 3% महंगाई बढ़ेगी। पेट्रोल-डीजल-गैस जीएसटी में नहीं होंगे।
5# अभी हम 30-35% टैक्स चुकाते हैं। जीएसटी 18% होने पर सरकार को नुकसान नहीं होगा?
- नहीं। चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर अरविंद सुब्रमणियन की समिति ने 17-18% रेवेन्यू न्यूट्रल रेट की सिफारिश की है। यानी इस पर सरकार का रेवेन्यू न बढ़ेगा, न घटेगा। 
- इसकी दो वजहें हैं। पहली, बहुत सी चीजों पर अभी कम टैक्स लगता है, वह बढ़ जाएगा। दूसरी, बहुत से कारोबारी सेल्स कम दिखाते हैं। जीएसटी में हर लेन-देन की ऑनलाइन एंट्री होगी। इससे चोरी मुश्किल हो जाएगी।


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