मंगलवार, 9 अगस्त 2016

कश्मीर में भड़की हिंसा

श्रीनगर.कश्मीर में कर्फ्यू को 30 दिन हो गए। विपक्ष ने सोमवार को सदन में कहा कि यह आजादी के बाद देश का सबसे लंबा कर्फ्यू है। आतंकी बुरहान वानी के एनकाउंटर से शुरू हुई हिंसा अब तक जारी है। तीन हजार से ज्यादा जवान भी जख्मी हो चुके हैं। सुरक्षाबलों के 29 ठिकाने जला दिए गए। इन 30 दिनों में पैलेट गन का इस्तेमाल सबसे बड़ा मुद्दा बना हुआ है। कश्मीर में कमान संभाल रहे सीआरपीएफ के मुखिया डायरेक्टर जनरल के. दुर्गा प्रसाद से उपमिता वाजपेयीने कई मुद्दों पर बात की। पहला सवाल उसी पैलेट गन पर, जिसके इस्तेमाल पर छिड़ी है बहस...
Q: कश्मीर में पैलेट गन का इतना ज्यादा इस्तेमाल क्यों कर रहे हैं?
A: हम वही हथियार इस्तेमाल कर रहे, जो हमें दिए गए हैं। मौसम, हालात और उपद्रवी भीड़ को काबू करने के लिए ही इसका इस्तेमाल हो रहा है। कश्मीर में कोई टीचर या स्टूडेंट्स शांति मार्च नहीं निकाल रहे हैं! कई बार स्थिति ऐसी बन जाती है कि हमारे सामने दो ही रास्ते बचते हैं- एके-47 चलाएं या पैलेट गन। जब लोगों को पैलेट से शरीर के नाजुक जगहों पर चोट लगती है तो दुख हमें भी होता है।
Q: कब बंद होगी ये गन? क्या सरकार का कोई प्रेशर है?
A: ये तो वही बात हुई कि कोई पूछे कि आप कब अपनी पत्नी को पीटना बंद कर देंगे या क्या आपने पीटना बंद कर दिया है? हम उपद्रवी भीड़ से निपट रहे हैं। प्रेशर जैसी कोई बात नहीं है। पैलेट गन पर होम मिनिस्ट्री ने कमेटी बनाई है। बात चल रही है, रिसर्च हो रहा है। कम नुकसान वाले तरीकों पर भी चर्चा कर रहे हैं।
Q: कर्फ्यू लगाए एक महीना हो गया है, आखिर कब तक चलेगा ये सब?
A: विरोध की घटनाएं कम हुई हैं। विरोध करने वाले भी कम हुए हैं। वो लोग भी थक गए हैं। 1400 लोग घायल हैं। पर इससे ज्यादा हमारे जवान जख्मी हैं। फिर भी हमने जो संयम दिखाया, वो काबिले तारीफ है।
Q: ह्यूमन कमीशन वाले फोर्सेस की लगातार शिकायतें कर रहे हैं?
A: उपद्रवी हमारे कैंपों पर हमले कर रहे हैं। वे ग्रेनेड फेंक रहे हैं। ड्यूटी से लौटते जवानों पर गली से निकल पत्थर बरसा रहे। हमारे जवानों के भी सिर फूटे हैं, आंखें फूटी हैं, फ्रैक्चर हुए हैं। हम किसके खिलाफ मानवाधिकार की कोर्ट जाएं? किसका नाम दें? हमारे जवान कहते हैं कि कश्मीरी हमारे अपने लोग हैं। हम उन पर फायर नहीं कर सकते। लेकिन जब हालात काबू के बाहर हो जाते हैं और सामने से एके-47 से गोली चलती है तो जवाब देना ही पड़ता है।
Q: कुछ जगह बुरहान के पोस्टर लगे हैं, आतंकी रैलियां निकाल रहे हैं... खुफिया रिपोर्ट क्या कहती है?
A: हमें स्टेट पुलिस से इंटेलिजेंस रिपोर्ट मिलती है। मैंने कुछ वीडियो देखे हैं जिनमें कुछ लोग हथियार लिए हैं और लोगों से बात कर रहे हैं। हम ऐसे लोगों पर सख्ती दिखा रहे हैं।
Q: पिछले एक महीने में सबसे चुनौतीपूर्ण कौन सा दिन रहा?
A: हर दिन ही चुनौतीपूर्ण था। मेरे लड़के वहां हैं। हर वो दिन जब हम भीड़ का सामना करते हैं और कोई घायल होता है तो वो मेरे लिए दुखद दिन होता है। और ऐसा हर दिन हो रहा है। मैं अब बस यही कोशिश करता हूं कि आज का दिन बिना किसी के घायल हुए निकल जाए। वो दिन मेरे लिए सबसे अच्छा होगा।
Q: जवान शिकायत भी तो करते होंगे?
A: नहीं। हालांकि जवानों को आजकल सोने का भी वक्त नहीं मिल रहा। वो ड्यूटी से कैंप अाते हैं, बमुश्किल आराम करते हैं और निकल पड़ते हैं।
उधर, सदन में कश्मीर पर चर्चा
-जम्मू-कश्मीर की सीएम मेहबूबा दिल्ली आकर राजनाथ सिंह से मिलीं। बाद में कहा- ‘मोदी के पास बड़ा बहुमत है। वाजपेयी जैसा बड़ा फैसला लें।’
- राज्यसभा में विपक्ष ने सवाल उठाए। जल्द सर्वदलीय बैठक बुलाकर फौरन कश्मीर के लोगों से बात करने की अपील की।

कौन था बुरहान?

- पिछले कुछ महीनों से बुरहान साउथ कश्मीर में बहुत एक्टिव था। उसने यहां के कई पढ़े-लिखे यूथ्स को बरगला कर आतंकी बनाया था। 
- कश्मीरी यूथ को रिक्रूट करने के लिए वह फेसबुक-वॉट्सऐप पर वीडियो और फोटो पोस्ट करता था। इनमें वो हथियारों के साथ सिक्युरिटी फोर्सेस का मजाक उड़ाते हुए नजर आता था। 
- वानी को भड़काऊ स्पीच देने और सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने में एक्सपर्ट माना जाता था।
- कश्मीर में उसकी लोकेशन पता चलने के बाद सुरक्षाबालों ने उसे एनकाउंटर में मार गिराया था।
एेसे बना आतंकी
- कथित रूप से बुरहान वानी के एक भाई की मौत 2010 में सिक्युरिटी फोर्सेस की गोली से हो गई थी।
- कहा जाता है कि इसके बाद उसने हथियार उठाने का फैसला किया। 
- वानी ने अक्टबूर 2010 में घर छोड़ दिया और 15 साल की उम्र में आतंकी बन गया। 
- बुरहान की इन्फॉर्मेशन देने वाले को 10 लाख का इनाम देने का एलान किया गया था।

कश्मीर में बीते 30 दिनों से कर्फ्यू लगा है।भीड़ के बीच मिलकर आतंकी सेना पर ग्रेनेड से हमला कर चुके हैं।

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