सोमवार, 15 अगस्त 2016

इंडिपेंडेंस-डेः लालकिले पर मोदी ने तीसरी बार फहराया तिरंगा

इंडिपेंडेंस-डेः लालकिले पर मोदी ने तीसरी बार फहराया तिरंगा, बोले- सरकार के अचीवमेंट्स के बारे में बोलूंगा तो हफ्ते भर मुझे बोलते रहना पड़ेगा


नई दिल्ली.आजादी की 69वीं सालगिरह (70वां इंडिपेंडेंस-डे) के मौके पर पीएम ने लालकिले पर तिरंगा फहराया। इससे पहले सोमवार को सबसे पहले वे राजघाट पहुंचे, महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद लालकिले पहुंचे। नरेंद्र मोदी ने स्पीच शुरू करते ही देशवासियों और दुनिया में रह रहे भारतीयों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी। उन्होंने कहा- अगर मैं दो साल की सरकार के अचीवमेंट के बारे में बोलूं तो हफ्ते भर यहां से बोलना पड़ेगा। मोदी बोले - जवानी में फांसी के फंदे को चूमने वाले वीरों की याद आती है...
अपडेटः
कांग्रेस पर फिर निशाना
7:41 AM:आज मैं सिर्फ नीति की नहीं, नीयत और निर्णय की भी बात कर रहा हूं। सिर्फ विषय नहीं, एक व्यापक दृष्टिकोण, रूपरेखा नहीं रूपांतरण का संकल्प है। ये लोक आकांक्ष्ज्ञा और लोक संकल्प की त्रिवेणी धारा है। ये मति भी है, सहमति भी है। ये गति भी है और प्रगति का अहसास भी है। इसलिए मेरे प्यारे देशवासियो! मैं आज जब सुराज की बात करता हूं, तब इसका सीधा मतलब है कि हमारे देश के सामान्य से सामान्य मानविकी में बदलाव लाना।
वह बात जो मोदी हर बार कहते हैं
7:45 AM:एक समय था जब सरकारें आक्षेपों से घिरी रहती थी। आज सरकार आक्षेपों से घिरी नहीं है, लेकिन अपेक्षाओं से घिरी है। जब सरकारें अपेक्षाओं से घिरी रहती हैं तो संकेत होता है जब आशा हो, भरोसा हो तो उसी की कोख से अपेक्षाएं जन्म लेती हैं। अपेक्षाएं सुराज्य की ओर जाने के लिए प्रेरित करती है। समस्याएं हैं तो सामर्थ्य भी है। जब हम सामर्थ्य की शक्ति को लेकर चलते हैं तो समस्याओं से समाधान के रास्ते भी मिल जाते हैं। भाइयो-बहनो, भारत के पास लाखों समस्याएं हैं तो सवा सौ करोड़ मस्तिष्क भी हैं जो समस्याओं का समाधान करने का सामर्थ्य भी रखते हैं।
नीति की नहीं, नीयत की बात करूंगा
7:44 AM:मैं भी बहुत बड़ा लंबा। सरकार के कामकाज का हिसाब आपके सामने रख सकता हूं। दो साल के कार्यकाल में अनगिनत पहल और काम हुए। ब्योरा देने जाऊंगा तो हफ्तेभर लालकिले की प्राचीर से बोलते रहना पड़ेगा। इसलिए उस मोह के बजाय आज कार्य की नहीं, इस सरकारकी कार्य संस्कृति के प्रति अपना ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं। कभी-कभी कार्य का लेखाजोखा देना सरल होता है। लेकिन कार्य संस्कृति जब तक गहराई में न जाएं, जानना-पहचानना सरल नहीं होता।
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7:41 AM: भारत चिरपुरातन विरासत है। हजारों साल की सांस्कृतिक विरासत है। वेद से विवेकानंद तक, उपदेश उपनिषद तक। सुदर्शनधारी कृष्ण से चरखाधारी महात्मा गांधी तक, महाभारत के भीम से भीमराव तक हमारी लंबी इतिहास की यात्रा और विरासत है। अनेक उतार-चढ़ाव इस धरती ने देखे। अनेक पीढ़ियों ने संघर्ष किया है। भारत की उम्र 70 साल नहीं है। लेकिन गुलामी के कालखंड के बाद हमने जो आजादी पाई, एक नई व्यवस्था के तहत हमने देश को आगे बढ़ाने का प्रयास किया। सरदार वल्लभ भाई पटेल ने देश को एक किया। अब हम सबका दायित्व है कि देश को श्रेष्ठ बनाएं। स्वराज ऐसे ही नहीं मिला है। जुल्म बेशुमार थे। हर हिंदुस्तानी आजादी के आंदोलन का सिपाही था। हर एक का जज्बा था, देश आजाद हो।
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7:38 AM: हो सकता है, हर किसी को बलिदान या जेल जाने का सौभाग्य न मिला हो लेकिन हर हिंदुस्तानी संकल्परत था।महात्माजी का नेतृत्व था। क्रांतिकारियों की प्रेरणा थी। तब जाकर स्वराज प्राप्त मिला। स्वराज को सुराज्य में बदलना, ये सवा सौ करोड़ देशवासयों का संकल्प है। अगर स्वराज बलिदान के बिना नहीं मिला है तो सुराज्य भी त्याग के बिना, पुरुषार्थ के बिना, पराक्रम के बिना, समर्पण और अनुशासन के बिना संभव नहीं होता है। इसलिए सवा सौ करोड़ देशवासियों के सुराज्य के संकल्प को आगे बढ़ाने के लिए अपने-अपने विषय और जिम्मेदारियों के साथ प्रतिबद्धता से आगे बढ़ना होगा। पंचायत हो या पार्लियामेंट हो, ग्राम प्रधान हो या प्रधानमंत्री हो, हर किसी को, हर डेमोक्रेटिक इंस्टिट्यूशन को सुराज की आेर आगे बढ़ने के लिए अपनी जिम्मेवारियों को निभाना होगा, परिपूर्ण करना होगा, तब जाकर भारत सुराज्य के सपने को पाने में और अधिक देर नहीं करेगा।
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7.36AM: मेरे प्यारे देशवासियो! सवा सौ करोड़ देशवासियों, विश्व में फैले राष्ट्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का संकल्प पर्व है। आज जिस आजादी से सांस ले रहे हैं, उसके पीछे महापुरुषों का बलिदान है। त्याग और तपस्या की गाथा है। जवानी में फांसी के फंदे को चूमने वाले वीरों की याद आती है। महात्मा गांधी-सरदार पटेल-पंडित नेहरू अनगिनत महापुरुष जिन्होंने देश की आजादी के लिए अविरत संघर्ष किया। उसी का नतीजा है कि आज हमें स्वराज में अाजादीकी सांस लेने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।
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7.34AM: प्यारे देशवासियों, के साथ मोदी ने की स्पीच की शुरुआत।
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7.34AM: मोदी की स्पीच शुरू।
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7.26AM: इस बार भी बिना बुलेट प्रुफ पोडियम के स्पीच देंगे मोदी। पोडियम मंच से हटाया गया।
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7.23AM: पीएम ने लालकिले पर गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण किया।
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7.18AM: लालकिले पहुंचे नरेंद्र मोदी। रक्षा मंत्री ने किया स्वागत।
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7.05AM:राजघाट पहुंचे पीएम। महात्मा गांधी को दी श्रद्धांजलि।
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7.03AM: @narendramodi ने ट्वीट किया- स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं। जय हिंद।Happy Independence Day. Jai Hind! #IndiaIndependenceDay.
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7AM: लाल किला पहुंचे पूर्व पीएम मनमोहन सिंह।
पहली बार
- देशवासियों के सजेशन पर किसी पीएम की स्पीच है। मोदी को अब तक दस हजार से ज्यादा सजेशन मिले। पिछले दिनों मन की बात के दौरान उन्होंने NarendraModi App और MyGov.in पर सुझाव मांगे थे। 
- पिछली बार 86 मिनट 10 सेकंड स्पीच देने वाले मोदी को आरुणि त्रिवेदी नाम के शख्स ने इस बार 30 मिनट के अंदर स्पीच पूरी करने की भी सलाह दी।
- पहली बार इंडिपेंडेंस डे पर 50 हजार LED बल्बों से सजेगा सुप्रीम कोर्ट।
- लालकिले के पास पहली बार सिक्युरिटी के लिए पैरा ग्लाइडर्स और ड्रोन तैनाती।

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